भारत नेपाल सीमा पर पटवन नहीं मिलने से सूखे सैकड़ों एकड़ खेत, समझौता करने गए तो नेपाल ने रख दी बड़ी शर्त..
बेतिया के भिखनाठोरी में भारत नेपाल सीमा पर पानी का विवाद गहरा गया है. बताया जा रहा है कि विवाद नहीं सुलझने से सैकड़ों एकड़ खेत में लगा धान बिना पानी के सूख जाएगा. इसे देखते हुए अधिकारी समझौता करने गए थे. मगर नेपाल के अधिकारियों की शर्त के कारण समझौता नहीं हो सका.
भारत नेपाल सीमा पर स्थित भिखनाठोरी में एक पखवारे से चल रहे नाले के पानी का विवाद सुलझने का नाम नहीं ले रहा. मंगलवार को भी भिखनाठोरी में नाला के पानी विवाद का कोई हल नहीं निकलने से भिखनाठोरी पहुंचे सैकड़ों भारतीय किसान व प्रतिनिधि तथा पदाधिकारियों को खाली हाथ लौटना पड़ा. पानी को लेकर भारतीय किसानों का एकतरफा मांग है कि पूर्व की भांति नेपाल से दो नालों में एक एक्वा परसौनी और दूसरा भवानीपुर के लिए आता है. इससे सैकड़ों एकड़ फसल की पटवन होती है, इस तरह की ही फैसला होनी चाहिए.
एक नाले से मिलेगा पानी: नेपाल
नेपाली किसानों प्रतिनिधियों व उपस्थित पदाधिकारियों का कहना है कि नेपाल से एक नाला के लिए पानी मिलेगा. यहीं भारतीय क्षेत्र में जाने के बाद उसे दो हिस्सों में बांटना होगा. दूसरा विकल्प है कि दोनों देशों के वरीय अधिकारियों की एक बैठक करके कोई ठोस रास्ता निकाला जाए. जबकि भारतीय किसान अपने जिद पर अड़े हुए हैं. इनका कहना है फैसला जो भी हो पूर्ववत ही हो. पहले की तरह ही एकवा परसौनी के लिए अलग तथा भवानीपुर के लिए अलग नाला में पानी आना चाहिए. मौके पर पहुंचे जिला पार्षद शैलेंद्र गढ़वाल, प्रखंड प्रमुख जय प्रकाश पासवान, धमौरा पंचायत के मुखिया राम बिहारी महतो, जमुनिया पंचायत के मुखिया विक्की गढ़वाल व बीडीओ अजय प्रकाश राय, सीओ अमित कुमार व सहोदरा थाना के एएसआई विपिन शुक्ला समेत पुलिस दल बल के साथ मौके पर मौजूद रहे.
18 सिंतबर को फिर होगी बैठक
नेपाली किसानों के साथ नेपाली मेयर तथा वार्ड अध्यक्ष शंभू खड़का व पूर्व वार्ड अध्यक्ष सूर्या लामा द्वारा 18 सितंबर तक इस मामले को पुनर्विचार के लिए टाल दिया. भारतीय किसान प्रतिनिधि तथा पदाधिकारियों द्वारा तीन सितंबर को आपसी सहमति के लिए एक बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया गया है. मौके पर जिला पार्षद गढ़वाल ने कहा है कि तीन सितंबर को होने वाली बैठक में भवानीपुर, एक्वा परसौनी, धमौरा, खैरटिया, वन बैरिया, भटनी, सहोदरा आदि सभी गांवों ग्रामीणों की उपस्थिति अनिवार्य है. इस बैठक में लिए गए फैसले अपने आप में अहम होगा.