पटना: 1971 के भारत-पाक युद्ध के 50 साल बाद स्वर्णिम विजय वर्ष का साक्षी बिहार बनेगा. 18 मार्च को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में बिहार-झारखंड के शहीद परिवारों की वीर नारियों को सम्मानित किया जायेगा. इस अवसर पर बिहार और झारखंड के राज्यपाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, थलसेना प्रमुख, केंद्र तथा राज्य स्तर के गणमान्य अतिथि, अधिकारी और राजनेता उपस्थित रहेंगे.
शहीदों का सम्मान मात्र उनके प्रति कृतज्ञता और सम्मान प्रदर्शित करने का मौका भर नहीं होता, यह अवसर होता है नयी पीढ़ी को अपने ऐतिहासिक विरासत से रू-ब–रू कराने का होता है. जो राष्ट्र अपने विजय का महोत्सव नहीं मनाता, उनकी पीढ़ियां अपने ही शौर्य और वीरता से अनभिज्ञ रह जाती हैं. यह कहना है गुलमोहर मैत्री की सचिव मंजु सिन्हा का. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस कार्यक्रम की घोषणा और रूपरेखा के बारे में बताते हुए कहा कि यह कार्यक्रम राजधानी पटना स्थित बापू सभागार में प्रस्तावित है.
इस कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए देश के अलग-अलग कोने से सेना के वरिष्ठ अधिकारी और शहीदों के परिवार सहित लगभग 3000 विशिष्ट लोगों को आमंत्रण भेजा जा रहा है. इस अवसर पर देशभक्ति से ओत-प्रोत रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम, नाटक और सैन्य बैंड के प्रदर्शन का भी आयोजन किया जायेगा.