बिहार में दुधारू पशु हो रहे एंफ्लूएंजा के शिकार, दूध में होने लगी कमी, जानें बचाव के उपाय

Bihar news: शहर में गौ पालन करने वाले महेंद्र प्रसाद ने बताया कि उनके पास पांच-छह गायें है. जो 20 फीसदी तक दूध देना कम किया है. दो पशु पर एंफ्लूएंजा की शिकायत मिली. दूसरे पशुपालक कैलाश यादव ने बताया कि वे भैंस पालते हैं. थोड़ी असावधानी के कारण थन में सूजन आ गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 12, 2022 5:03 AM

भागलपुर: ठंड से आम लोगों के साथ पशुओं की भी परेशानी बढ़ गयी है. ठंड का असर दूधारू पशुओं पर दिखने लगा है. इससे दूधारू पशुओं ने 25 से 30 फीसदी तक दूध देना कम कर दिया. पशु एंफ्लूंजा से ग्रस्त हो रहे हैं. अन्य पालतू पशुओं को भी निमोनिया, सूजन व अन्य बीमारी का प्रकोप बढ़ गया है.

दुधारू पशुओं के थन में हो रहा सूजन

शहर में गौ पालन करने वाले महेंद्र प्रसाद ने बताया कि उनके पास पांच-छह गायें है. जो 20 फीसदी तक दूध देना कम किया है. दो पशु पर एंफ्लूएंजा की शिकायत मिली. दूसरे पशुपालक कैलाश यादव ने बताया कि वे भैंस पालते हैं. थोड़ी असावधानी के कारण थन में सूजन आ गया. इससे पशु चिकित्सक को दिखाना पड़ा. दूध भी पहले से आधा मात्रा में देने लगी.

6 प्रखंडों के पशु चिकित्सालयों अलर्ट पर

जिला पशुपालन विभाग की ओर से सभी 16 प्रखंडों के पशु चिकित्सालयों को अलर्ट कर दिया गया है. पशुपालकों के बीच जाकर भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी जागरूकता फैला रहे हैं. नि:शुल्क उपचार की सुविधा दी जा रही है. पशुपालकों को धुंआ व अलाव की व्यवस्था कर वातावरण को गर्म रखने की अपील की जा रही है.

ठंड से पशुओं को बचाने के लिए बंद रखें स्थान

जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ रणधीर कुमार ने बताया कि ठंड में थमैला हो जाता है. ठंड से थन में सूजन आ जाती है. इससे दूध कम होने लगती है. पशुओं में निमोनिया भी हो जाती है. इन दोनों बीमारी से बचने के लिए एंटिबायोटिक दी जाती है. ठंडा पानी देने से भी परहेज करना चाहिए. अलाव की व्यवस्था की जाती है. बल्व की व्यवस्था की जाती है. इससे गरमी आती है. ठंड से बचाव के लिए हरेक पशुपालकों को गौशाला को ढंक कर रखना चाहिए. बीमारी होने पर पशु चिकित्सकों से ही दवा लें, न कि किसी नीम-हकीम के चक्कर में पड़ें.

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