Loading election data...

यूनियन बैंक में चेक डाला, पीएनबी से दूसरे के खाते में हो गया आरटीजीएस, जानिये कैसे मिली क्लोन चेक की जानकारी

क्लोन चेक के माध्यम से पांच लाख रुपये किसी दूसरे को आरटीजीएस किये जाने की जानकारी उन्हें तब हुई, जब वह दो जनवरी को पासबुक अपडेट कराने पीएनबी बैंक पहुंचीं. घटना की जानकारी के तुरंत बाद पीड़िता ने पीरबहोर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 8, 2021 9:40 AM
an image

पटना . राजधानी में चेक क्लोन कर पैसा निकालने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा. चेक क्लोन के पहले से चल रहे मामलों के बीच पीरबहोर थाना क्षेत्र के मुरादपुर पीएनबी बैंक शाखा से क्लोन चेक पर राशि दूसरे के खाते में हस्तांतरित कराये जाने का मामला सामने आया है.

इस शाखा में दरियापुर के शादी कार्ड व्यवसायी की मां चंपा देवी का खाता है. क्लोन चेक के माध्यम से पांच लाख रुपये किसी दूसरे को आरटीजीएस किये जाने की जानकारी उन्हें तब हुई, जब वह दो जनवरी को पासबुक अपडेट कराने पीएनबी बैंक पहुंचीं. घटना की जानकारी के तुरंत बाद पीड़िता ने पीरबहोर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है.

21 दिसंबर को यूनियन बैंक में डाला था चेक

चंपा देवी के बेटे ने बताया कि मैने 21 दिसंबर को अरुण कुमार गुप्ता के नाम से यूनियन बैंक में चेक क्लियरिंग के लिए भेजा था. चंपा देवी के नाम पर पीएनबी मुरादपुर शाखा खेतान मार्केट में अकाउंट है.

लेकिन जब दो तारीख को मैं पीएनबी बैंक में पासबुक को अपडेट कराने पहुंचा, तो पता चला कि मेरे अकाउंट से पांच लाख रुपये किसी दूसरे के अकाउंट में चले गये. उन्होंने बताया कि अरुण कुमार गुप्ता के नाम से यूनियन बैंक में पांच लाख का चेक क्लियरिंग के लिए डाला था. लेकिन पीएनबी ने पांच लाख रुपये रणवीर के नाम पर आरटीजीएस कर दिया.

क्लोन चेक को देख उड़ गये होश

जब इस बात की जानकारी लेने बैंक मैनेजर के पास गये तो बताया गया कि आपने ही आरटीजीएस कराने के लिए पांच लाख रुपये का चेक डाला था. जब मैंने कहा कि ऐसा कोई चेक मेरे द्वारा जारी नहीं किया गया, तो उन्होंने आरटीजीएस का चेक मुझे दिखाया. चेक को देख मेरे होश उड़ गये. वही नाम, वही चेक नंबर साथ ही साथ मां का साइन भी जालसाजों ने हू-ब-हू क्लोन कर दिया था.

पीएनबी व यूनियन बैंक के अलग-अलग सुर

अकाउंट होल्डर चंपा देवी के बेटे ने बताया कि चेक क्लोन की जानकारी के लिए जब मैं यूनियन बैंक गया, तो उन्होंने बताया कि आपका चेक क्लियरिंग के लिए डाला हुआ है. मैने पीएनबी की सारी बात जब यूनियन बैंक के मैनेजर को बतायी, तो उन्होंने फोटो खींचकर क्लियरिंग करने के लिए डाले गये चेक को मुझे दिखाया.

वहीं, बैंक मैनेजर का कहना है कि यह कैसे हो सकता है, जब आपने क्लियरिंग के लिए डाला, तो चेक आरटीजीएस कैसे हो सकता है? जबकि पीएनबी बैंक के मैनेजर ने बताया कि आपने ही तो आरटीजीएस के लिए चेक डाला है.

मनेर के रणवीर कुमार के नाम पर रुपये हो गये ट्रांसफर

व्यवसायी ने बताया कि पांच लाख रुपये जिसके अकाउंट में ट्रांसफर हुआ है, वह मनेर का रहने वाला रणवीर कुमार है. उसका अकाउंट बैंक ऑफ इंडिया में है. इस नाम के व्यक्ति को मैं नहीं जानता.

न फोन आया, न बैंक ने वेरिफिकेशन किया

पीड़ित ने पीएनबी बैंक पर आरोप लगाया है कि जब पांच लाख का भारी अमाउंट किसी को आरटीजीएस कर दिया गया. लेकिन बैंक ने मुझे कॉल तक नहीं किया. बाद में पता चला कि एक मैसेज मिला कि आपके अकाउंट से पांच लाख रुपये कट गये हैं. कही न कही बैंक के किसी कर्मचारी की मिलीभगत है.

Posted by Ashish Jha

Exit mobile version