बिहार के अररिया में पत्रकार विमल यादव हत्याकांड (Araria Journalist Murder) में हर पल एक नए खुलासे ने पुलिस को परेशान कर दिया है. 24 घंटे के भीतर अररिया पुलिस ने चार नामजद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. पत्रकारों से बात करते हुए अररिया के एसपी अशोक कुमार सिंह ने शनिवार को इसकी जानकारी दी.उन्होंने कहा कि शुक्रवार की सुबह एक दैनिक अखबार के पत्रकार विमल कुमार यादव की अपराधियों ने घर से बुलाकर कर दी थी. जिसमें विमल यादव की मौत घटनास्थल पर ही हो गई थी.इस मामले में मृतक के पिता हरेंद्र प्रसाद सिंह के बयान पर आठ नामजद लोगों के खिलाफ रानीगंज थाना में मामला दर्ज हुआ है.
अररिया में पत्रकार विमल यादव हत्याकांड में शनिवार को एक बड़ा खुलासा किया है. पुलिस का कहना है कि पत्रकार विमल यादव हत्याकांड की साजिश सुपौल और अररिया जेल में बंद अपराधियों ने रची थी. इस हत्याकांड में तीन जिलों का आतंक कहा जाने वाला उगेन यादव के पुत्र रूपेश यादव को रानीगंज पुलिस ने 30 नवंबर 2019 को उसके घर से गिरफ्तार किया था. रूपेश फिलवक्त सुपौल जिले में बंद है. लेकिन, पुलिस का मानना है इस हत्या उसकी भूमिका महत्वपूर्ण है.
एसपी अशोक कुमार सिंह ने पत्रकारों से बात करते हुए दावा किया कि इस हत्या में संलिप्त चार नामजद आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया है. दो नामजद आरोपित पहले से ही जेल में है, पुलिस उन दोनों को भी रिमांड पर लेने की मांग कर रही है. एसपी के अनुसार गिरफ्तार आरोपितों में विपिन यादव भरगामा थाना क्षेत्र के भरना गांव का निवासी है, जबकि भवेश यादव और आशीष यादव रानीगंज थाना क्षेत्र के बेलसरा गांव के रहने वाले हैं.
चौथा आरोपित उमेश यादव रानीगंज थाना क्षेत्र के कोशिकापुर का निवासी है.इन सभी से सघन पूछताछ के बाद इनको जेल भेज दिया गया है. इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी रूपेश यादव बेलसरा गांव का रहने वाला है. फिलहाल ये जेल में बंद है. कांति यादव कोशिकापुर उत्तर गांव के निवासी हैं. शेष दो आरोपितों की गिफ्तारी के लिए सघन छापामारी अभियान चल रहा है. बहुत जल्द उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा.