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सोशल साइट गजबा-ए-हिंद से जुड़े 27 युवकों की कुंडली को खंगाल रहीं खुफिया एजेंसियां, गोपालगंज पुलिस भी अलर्ट

फेक आइडी बनाकर युवाओं को जोड़ने की मुहिम चलायी जा रही है. सोशल साइट पर देश-विरोधी मुहिम को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय खुफिया एजेंसियां ऐसे युवाओं की कुंडली खंगाल रही है, जो गजबा-ए-हिंद जैसी सोशल साइट से जुड़े हैं.

रिपोर्ट: संजय कुमार अभय

गोपालगंज. देश विरोधी गतिविधियों में शामिल संगठन सोशल साइट को हथियार बना रहे हैं. गजबा-ए-हिंद समेत दर्जनों फेक नाम से फेसबुक पेज बनाकर युवाओं को जोड़ रहे. उनका एकमात्र मिशन है भारतीय युवाओं को गुमराह कर अपने संगठन को जोड़ने का काम. चिंता इस बात की है कि गोपालगंज जैसे ग्रामीण इलाके में भी युवाओं को अपने इस साइट से जोड़कर युवाओं की एक्टिविटी पर नजर रख रहे हैं. फेक आइडी बनाकर युवाओं को जोड़ने की मुहिम चलायी जा रही है. सोशल साइट पर देश-विरोधी मुहिम को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय खुफिया एजेंसियां ऐसे युवाओं की कुंडली खंगाल रही है, जो गजबा-ए-हिंद जैसी सोशल साइट से जुड़े हैं.

अब तक 27 ऐसे युवकों को किया जा चुका है चिह्नित

अब तक 27 ऐसे युवकों को चिह्नित किया जा चुका है, जिनकी कुंडली बनाते हुए केंद्रीय गृह विभाग को रिपोर्ट भेजकर चिंता जतायी जा चुकी है. एजेंसी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सोशल साइट से भारत के विरोध में युवाओं को दिलो-दिमाग में जहर भरा जा रहा है. खुफिया एजेसियां ऐसे युवकों की सामाजिक व आर्थिक गतिविधियों पर नजर रख रही है. उनके नेटवर्क को भी खंगाला जा रहा. ये सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर आ गये हैं.

उत्तर बिहार को टारगेट करने में जुटे देश द्रोही संगठन

गोपालगंज समेत उत्तर बिहार में अपने पैठ को मजबूत करने की फिराक में आतंकी संगठन हैं. नेपाल से जुड़े होने के कारण देश का यह इलाका उनके लिए उर्वरा साबित हो रहा है. इसका फायदा ये संगठन उठा रहे है. युवाओं का ब्रेनवाश भी साइट पर किया जा रहा है. जिले के 27 समेत उत्तर बिहार के 42 युवाओं के सोशल साइट से जुड़ने का इनपुट खुफिया एजेंसियों को मिली हैं.

आसानी से लखपति बनने की चाह में जुड़ रहे युवा

गंडक नदी के दियारा इलाका में साल-दर-साल आने वाली बाढ़ के कारण तबाही भी एक बड़ा कारण साबित हो रही है. यहां युवा लखपति बनने की चाह के बीच आसानी से अपराध की ओर बढ़ रहे हैं. ऐसे में सोशल मीडिया के जरिये आसानी ये लोग ऐसे युवा जुड़ जा रहे हैं. कई युवक तो नासमझी में भी फेसबुक पेज से फ्रेंड बन रहे हैं. खुफिया एजेंसियां एक-एक युवक के रेकॉर्ड को खंगाल कर शिकंजा कसने की तैयारी में है.

हर इनपुट पर पुलिस रख रही नजर : एसपी

पुलिस कप्तान स्वर्ण प्रभात से इस संबंध में संपर्क करने पर उन्होंने अनभिज्ञता जताते हुए बताया कि हर इनपुट पर पुलिस की नजर है. पुलिस ऐसे मामलों में हाइअलर्ट मोड में काम कर रही है. अब तक ऐसा कोई साक्ष्य सामने नहीं आया है. अगर कोई साक्ष्य सामने आता है तो त्वरित कार्रवाई की जायेगी.

गजवा-ए-हिन्द का बिहार कनेक्शन

बिहार में 2016 के आसपास दहशतगर्दी के लिए गजवा-ए-हिन्द का मॉडल तैयार किया गया था. इसकी कमांड पाकिस्तान के हाथ में हैं. यह खुलासा फुलवारी शरीफ से मरगूव अहमद दानिश नामक एक आरोपी की गिरफ्तारी के बाद हुआ था. पुलिस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पटना आगमन से एक दिन पहले 11 जुलाई को इस आतंकी नेटवर्क का खुलासा किया था. नरेंद्र मोदी भी इनके निशाने पर थे. अब तक गिरफ्तार आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस और गिरफ्तारियां कर रही है. इसी सिलसिले में दानिश को पटना से पकड़ा गया था. पटना पुलिस को दानिश के स्मार्टफोन से कई बेहद संवेदनशील जानकारियां मिली थी.

गजवा-ए-हिन्द मॉडल को ऑपरेट कर रहा था दानिश

पुलिस के मुताबिक दानिश ही गजवा-ए-हिन्द मॉडल को ऑपरेट कर रहा था. हैरानी की बात तो यह है कि यह मॉडल बिहार में 2016 से काम कर रहा था, लेकिन भारतीय खुफिया एजेंसियों को इसकी भनक तक नहीं लगी. पुलिस के मुताबिक इस काम को अंजाम देने के लिए एक वॉट्सऐप ग्रुप बनाया गया था. ग्रुप के दो एडमिन थे. इनमें से एक पाकिस्तान का फैजान और दूसरा पटना का दानिश था.

पाकिस्तान से बड़ी फंडिंग

पटना पुलिस की माने तो दानिश के स्मार्ट फोन से पाकिस्तानी कनेक्शन खुलासा हुआ है. वॉट्सऐप चैट में पाकिस्तान से भारत की तबाही का मैसेज दिया जा रहा था. इसके लिए पाकिस्तान से बड़ी फंडिंग भी हो रही थी. इन चैट्स से साफ हो रहा है कि पाकिस्तान के फैजान और बिहार के दानिश मिलकर भारत के खिलाफ बड़ी साजिश पर काम कर रहे थे. अब तक पुलिस वॉट्सऐप ग्रुप का ही खुलासा कर पाई है, पूछताछ में अभी बड़े नेटवर्क का खुलासा बाकी है. पाक का कनेक्शन सामने आते ही खुफिया एजेंसियां भी अलर्ट हो गई.

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