बिहार के कॉलेजों में अब नहीं होगी इंटरमीडिएट की पढ़ाई, शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों को लिखा पत्र
शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों को एक पत्र लिख कर डिग्री कॉलेजों में चल रही इंटरमीडिएट स्तर की पढ़ाई को समाप्त करने का आदेश दिया है.
बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में अब इंटरमीडिएट की पढ़ाई नहीं होगी. यह एक अप्रैल से शुरू होने वाले नए सत्र से प्रभावी होगा. शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों से संबद्ध डिग्री कॉलेजों में वर्तमान में चल रही इंटरमीडिएट स्तर की पढ़ाई को समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया है. विभाग ने अब सभी उच्च माध्यमिक विद्यालयों में इंटर स्तरीय पढ़ाई शुरू करने की मंजूरी दे दी है. शिक्षा विभाग की ओर से बुधवार (21 फरवरी) को जारी संकल्प में यह जानकारी दी गयी है. संकल्प में कहा गया है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति इस संबंध में आगे की कार्रवाई करेगी. पटना यूनिवर्सिटी में इंटर की पढ़ाई पहले ही बंद कर दी गयी है.
शिक्षा विभाग ने की शिक्षकों की नियुक्ति
शिक्षा विभाग की तरफ से जारी संकल्प के शैक्षणिक सत्र 1 अप्रैल 2024 से सभी पात्र उच्च माध्यमिक विद्यालयों में इंटर स्तरीय पढ़ाई शुरू की जायेगी. आधिकारिक जानकारी के अनुसार, हाल ही में शिक्षा विभाग ने विशेष अभियान चलाकर 67961 उच्च माध्यमिक शिक्षक और 65737 माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति की है.
कैबिनेट की मुहर के बाद शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश
शिक्षा विभाग का मानना है कि फिलहाल आधारभूत संरचना और शिक्षकों की पर्याप्त उपलब्धता को देखते हुए प्लस टू स्कूलों में ही इंटर स्तरीय पढ़ाई करायी जानी चाहिए. गौरतलब है कि हाल ही में कैबिनेट ने इंटरमीडिएट की पढ़ाई को डिग्री कॉलेजों से अलग करने पर सहमति दी है.
पटना यूनिवर्सिटी के कॉलेजों में 2006 से बंद है इंटर की पढ़ाई
गौरतलब है कि साल 2006 में पटना यूनिवर्सिटी के कॉलेजों में इंटरमीडिएट स्तर की पढ़ाई बंद कर दी गयी थी. इसके बाद प्लस टू स्तर की शिक्षा को राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों के डिग्री कॉलेजों से अलग करने का निर्णय लिया गया, ताकि राज्य के उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्लस टू स्तर की शिक्षा दी जा सके. हालांकि, उस समय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में बुनियादी ढांचे की कमी और इन स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण इंटर (प्लस टू स्तर) की पढ़ाई अन्य विश्वविद्यालयों से शुरू नहीं की जा सकी थी