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मुजफ्फरपुर की महिलाओं में बढ़ रहा ड्राइविंग का शौक, हर साल लाइसेंस बनवाने में बढ़ रही भागीदारी

जिले में बीते पांच साल के आंकड़ों को देखें, तो आधी आबादी की ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) बनवाने की संख्या में काफी तेजी आयी है. वर्ष 2017-18 में मात्र 321 आधी आबादी ने अपना डीएल बनवाया था. वहीं इस वर्ष नौ माह में अबतक 1779 महिलाओं ने अपना डीएल बनवाया है.

मुजफ्फरपुर. बड़े शहरों की तरह यहां अभी आधी आबादी अब सड़कों पर दो पहिया, चौपहिया व तिपहिया वाहनों पर फर्राटा भर रही है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है. जिले में बीते पांच साल के आंकड़ों को देखें, तो आधी आबादी की ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) बनवाने की संख्या में काफी तेजी आयी है. वर्ष 2017-18 में मात्र 321 आधी आबादी ने अपना डीएल बनवाया था. वहीं इस वर्ष नौ माह में अबतक 1779 महिलाओं ने अपना डीएल बनवाया है.

11782 महिलाओं के डीएल हैं

परिवहन विभाग के सेंट्रलाइज्ड सॉफ्टवेयर अपडेट होने से अब तक कुल 206240 डीएल जारी हुए हैं, इसमें 194421 पुरुष के, 11782 महिलाओं के डीएल हैं. इसके अलावा 37 डीएल थर्ड जेंडर के हैं. दिन प्रतिदिन आधी आबादी के डीएल की बढ़ती संख्या इस बात को स्पष्ट करती है कि अब वे आत्मनिर्भर बन रही हैं. समाज में आयी जागरूकता और नौकरी पेशे से जुड़े होने के कारण उनका आत्मविश्वास बढ़ा है. वे खुद गाड़ी चलाकर अपने ऑफिस जाती हैं, यहां तक कि अपने बच्चों को स्कूल पहुंचाने से लेकर घर के बुजुर्ग को लेकर भी खुद निकलती हैं.

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पहले की तुलना में लाइसेंस लेने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ी

डीटीओ सुशील कुमार ने बताया कि पहले की तुलना में लाइसेंस लेने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ी है. यहां टेस्टिंग के दौरान कतार में इन्हें अधिक देर न खड़ा रहना पड़े, इसका विशेष ध्यान रखा जाता है. वे कंप्यूटर पर बैठ कर पूरे आत्मविश्वास के साथ टेस्ट भी देती हैं. उन्होंने कहा कि साल दर साल जिले में ड्राइविंग लाइसेंस पानेवाली महिलाओं की संख्या बढ़ती जा रही है.

वर्षवार जारी किये गये डीएल

वर्ष – पुरुष – महिला – थर्ड जेंडर

  • – 2017-18 – 22100 – 321 – 03

  • – 2018-19 – 11818 – 584 – 02

  • – 2019-20 – 28659 – 1637 – 09

  • – 2020-21 – 27480 – 1320 – 06

  • – 2021-22 – 38950 – 2245 – 11

  • – 2022-23 – 51069 – 3917 – 07

  • – 2023-24 – 24626 – 1779 – 02

सेंट्रलाइज्ड सॉफ्टवेयर के बाद जारी लाइसेंस

  • 194421 पुरुष

  • 11782 महिला

  • 37 थर्ड जेंडर

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37 थर्ड जेंडर के पास है ड्राइविंग लाइसेंस

जिले में 94 थर्ड जेंडर वोटर हैं, जिनमें से 37 के पास ड्राइविंग लाइसेंस है. यह बात जिला परिवहन विभाग के आंकड़े बता रहे हैं. यह थर्ड जेंडर के वोटरों की संख्या का करीब 40 प्रतिशत है. यह अच्छा संकेत है और इस बात की ओर इशारा करता है कि वे धीरे-धीरे समाज की मुख्य धारा से जुड़ कर आगे बढ़ रहे हैं. बीते चार-पांच साल के आंकड़ों को देखें, तो हर साल कम से कम दो थर्ड जेंडर का नया ड्राइविंग लाइसेंस जारी हो रहा है.

ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में पिछड़ी पटना की महिलाएं

पटना की सड़कों पर महिलाएं भी बड़ी संख्या में गाडि़यां चलाती दिख जाएंगी, लेकिन महिलाएं ड्राइविंग लाइसेंस बनाने में पुरुषों की अपेक्षा काफी पीछे चल रही है. इस मुद्दे पर परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि महिलाओं के ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बनवाने के दो कारण हैं. पहला चेकिंग के दौरान महिला चालक से ड्राइविंग लाइसेंस नहीं मांगना और दूसरा महत्वपूर्ण कारण महिलाएं लाइसेंस बनवाने के लिए लाइन में लगना नहीं चाहती है. बिहार सरकार महिलाओं को ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए विशेष सुविधा दे रही है, मगर आंकड़ों के अनुसार पटना में पिछले चार माह में जहां जितने लाइसेंस बने उनमें 83 फीसदी पुरुषों ने लाइसेंस बनवाए हैं, वहीं महिलाएं 16 फीसदी पर अटकी हुई हैं.

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