पटना. पटना विश्वविद्यालय में करीब 15 साल बाद एक बार फिर इंटर (12वीं) की पढ़ाई शुरू हो सकती है. पटना विवि ने अपने दूरस्थ शिक्षा निदेशालय (डीडीइ) से इंटर की पढ़ाई शुरू करने की पहल की है. यह राज्य सरकार के ओपन स्कूलिंग सिस्टम के माध्यम से किया जायेगा.
विवि के सिंडिकेट की बैठक में दूर शिक्षा निदेशालय (डीडीइ) के अंतर्गत प्लस टू स्तरीय कोर्स शुरू करने पर विचार किया गया. इसके लिए राज्य सरकार के ओपन स्कूलिंग एडमिनिस्ट्रेशन के तरफ से प्राप्त प्रस्ताव पर विचार करने के लिए पटना विवि के स्टूडेंट्स वेलफेयर डीन प्रो एनके झा की अध्यक्षता में एक कमेटी भी गठित की गयी है, जिसमें पटना लॉ कॉलेज के प्राचार्य प्रो मोहम्मद शरीफ, प्रो खगेंद्र कुमार, दूर शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रो जावेद हयात, वाणिज्य महाविद्यालय के इग्नू प्रोग्राम के को-ऑर्डिनेटर डॉ अहमद हुसैन को सदस्य बनाया गया है.
प्रो रणधीर कहते हैं कि इंटर की फिर से फुल फलेज्ड पढ़ाई शुरू होनी चाहिए, जैसे अन्य विश्वविद्यालयों में होती है. इससे शिक्षकों के 115 पद भी वापस मिलेंगे और जो 2500 छात्र कम हो गये, वे विवि को वापस मिल जायेंगे.
इंटर में पढ़ने वाले छात्रों को उस समय स्नातक में नामांकन में आरक्षण भी मिलता था, जैसे अभी लॉ कॉलेज में स्नातक के छात्रों को एलएलबी नामांकन में मिलता है. इससे विवि व छात्रों दोनों को लाभ होगा.
पटना विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रो रणधीर कुमार सिंह ने विवि के उक्त निर्णय का स्वागत किया है. लेकिन, उन्होंने यह भी कहा कि इंटर की पढ़ाई फुल फलेज्ड शुरू की जाये. वह कहते हैं कि 2006 में राज्य सरकार ने निर्णय लिया था कि यूनिवर्सिटी से इंटर की पढ़ाई को समाप्त कर दिया जाये.
किसी विवि ने इसके लिए पहल नहीं की, लेकिन पटना विवि के तत्कालीन कुलपति ने इंटर की पढ़ाई को तुरंत समाप्त करने का निर्णय ले लिया और सरकार ने भी इसे तुरंत मान लिया. लेकिन, राज्य के किसी अन्य विश्वविद्यालय ने इसे समाप्त नहीं किया. यही नहीं, उस समय पटना विवि में शिक्षकों के कुल 925 पद थे. इनमें 115 पद इंटर के थे, जिन्हें सरेंडर करना पड़ा. करीब 2500 छात्र भी इंटर में पढ़ाई करते थे.
Posted by Ashish Jha