बिहार में चार दिनों के बाद इंटर्न डॉक्टर लौटे काम पर, हड़ताल खत्म, स्टाइपेंड बढ़ाने का आश्वासन
पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल(पीएमसीएच) समेत सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के इंटर्न डॉक्टरों ने गुरुवार की शाम हड़ताल खत्म कर दी. शाम सात बजे से ही वे काम पर लौट गये. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के पदाधिकारी व इंटर्न डॉक्टर गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग पहुंचे.
पटना. पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल(पीएमसीएच) समेत सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के इंटर्न डॉक्टरों ने गुरुवार की शाम हड़ताल खत्म कर दी. शाम सात बजे से ही वे काम पर लौट गये. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के पदाधिकारी व इंटर्न डॉक्टर गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग पहुंचे. करीब एक घंटे तक स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत व हड़ताली डॉक्टरों के बीच वार्ता हुई.
35 हजार रुपये महीना स्टाइपेंड देने की मांग
इस दौरान पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर, प्रिंसिपल डॉ विद्यापति चौधरी व जेडीए के अध्यक्ष डॉ कुंदन सुमन मनोरंजन उपस्थित थे. डॉ कुंदन ने बताया कि अपर मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया है कि कैबिनेट की अगली बैठक में इंटर्न डॉक्टरों की राशि बढ़ा दी जायेगी. उन्होंने कहा कि इंटर्न डॉक्टरों ने 15 हजार के बदले आइजीआइएमएस व पटना एम्स के तर्जपर 30 से 35 हजार रुपये महीना स्टाइपेंड देने की मांग की है.
…इलाज के लिए भटकते रहे मरीज
पीएमसीएच में इंटर्न डॉक्टरों की हड़ताल के कारण गुरुवार को दिन भर रजिस्ट्रेशन काउंटर का ताला नहीं खुला, इससे एक भी मरीज का इलाज नहीं हो पाया. इलाज की आस में आये कई मरीज घंटों भटकते रहे. बाद में अधिकतर मरीज आइजीआइएमएस, तो कुछ पटना एम्स अस्पताल चले गये. बाकी मरीज बिना इलाज के घर लौट गये, तो कुछ ऐसे भी दूरदराज जिले से आये मरीज तीन दिनों से इलाज की आस में परिसर में ही डेरा डाले हुए हैं. अस्पताल प्रशासन की ओर से भी कोई इंतजाम नहीं किया गया, जिस कारण मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
झांसा दे रहे थे दलाल
बुधवार की तरह गुरुवार को भी ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर बंद कर दिया गया था. बाद में ओपीडी बंद है आप एम्स या आइजीआइएमएस चले जाएं का नोटिस चिपकाया गया. इधर पर्चे नहीं कटने व ओपीडी में इलाज बाधित होने का फायदा उठाने दलाल पहुंच गये. कई दलाल मरीजों को झांसा देकर अपनेचिह्नित प्राइवेट अस्पताल ले जाते हुए देखे गये.
परिसर में कटी रात
पीएमसीएच में खून जांच सेलेकर इलाज कराने तक मरीज जद्दोजहद करते नजर आये. सीनियर व जूनियर डॉक्टरों के ओपीडी में बैठने की सूचना के बाद मरीज इलाज कराने पहुंचे. लेकिन, रजिस्ट्रेशन नहीं होने की वजह से सीनियर डॉक्टर बाहर की पैथोलॉजी जांच नहीं लिखी. जांच की आस में दूरदराज से आये कुछ मरीज परिसर में रात काटने को मजबूर हैं.
ओपीडी में डॉक्टरों ने जड़ा ताला
एनएमसीएच में गुरुवार को इंटर्न डॉक्टरों ने ओपीडी में ताला जड़ कर वि र ो ध प्र द र्शन किया. इससे कई मरीजों का इलाज नहीं हो सका. इस दौरान मरीज व परिजनों से भी भिड़ंत हुई. सूचना मिलते ही अस्पताल प्रशासन ने ताला तोड़ा. अस्पताल के अधीक्षक डॉ विनोद कुमार सिंह ने बताया कि रजिस्ट्रेशन व इलाज भी हुआ है.