पटना. आपराधिक गतिविधियों में बिहार पुलिस के जवानों की संलिप्तता की बात सामने आने के बाद पुलिस मुख्यालय ने आंतरिक निगरानी को बढ़ाने की तैयारी कर ली है. पुलिस कर्मियों पर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिये नजर रखी जायेगी. अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि यूपी के स्वर्ण व्यवसायी अभिलाष वर्मा से भगवान बाजार (छपरा) में करीब एक किलो सोना और पांच लाख नकद लूटने की घटना में शामिल पुलिस कर्मियों पर भी नजीर बनने वाली कार्रवाई की जायेगी.
एडीजीपी जितेंद्र सिंह गंगवार ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस मामले में गिरफ्तार बीएसएपी 05 के जवान शशि भूषण और बीएसएपी 14 के पंकज परमार को निलंबित कर विभागीय कार्रवाई के आदेश दिये हैं. स्थानीय लाइनरों का सत्यापन तथा घटना में अपराधियों द्वारा प्रयुक्त बोलेरो के चालक को चिह्नित कर छापेमारी की जा रही है. बिहार सशस्त्र पुलिस के जवान शशिभूषण और पंकज से पूछताछ जारी है. दोनों पुलिस कर्मियों ने सारण जिले के गरखा थानान्तर्गत अलोनी में पश्चिम बंगाल के व्यवसायी निमाइच अली से भी 2021 में सोना लूटा था.
गंगवार ने हाल ही की पुलिस उपलब्धियों का ब्योरा देते हुए कहा कि पुलिस की छवि बेदाग है. अपराध में शामिल पुलिस कर्मियों के खिलाफ सख्त कदम उठाये गये हैं. इशारों- इशारों में उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी – पदाधिकारी नियमों के दायरे से बाहर न जायें, किसी भी अपराध में उनकी संलिप्तता रोकने के लिए उन पर नजर रखी जायेगी.
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पीएफआइ- एनएआइ को लेकर पूछे गये एक सवाल के जवाब में एडीजीपी ने कहा कि एनएआइ को साक्ष्य मिले होंगे तभी वह कार्रवाई कर रही है. आतंक और देश विरोधी ताकतों के खिलाफ बिहार पुलिस केंद्रीय एजेंसियों की मदद कर रही है. अराजक तत्वों पर पुलिस की खुफिया इकाइयां नजर रखे हुए हैं. बिहार में पीएफआइ पर एनएआइ की कार्रवाई को लेकर यह कहा कि प्रारंभिक कार्रवाई स्थानीय स्तर पर की गयी है.