बिहार के हॉकी खिलाड़ियों को अब एस्ट्रो टर्फ मैदान पर ट्रेनिंग लेने के लिए दूसरे राज्यों में जाने की जरूरत नहीं होगी. इस साल के अंत तक पटना में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के दो सिंथेटिक एस्ट्रो टर्फ मैदान बन कर तैयार होने जा रहे हैं. पहले चरण में राजधानी के फिजिकल एजुकेशन कॉलेज राजेंद्र नगर के कैंपस में 25 करोड़ की लागत से हॉकी ग्राउंड तैयार किया जाएगा. इसके बाद एकलव्य स्पोर्ट्स स्कूल शास्त्री नगर के खेल मैदान पर हॉकी का एस्ट्रो टर्फ लगेगा. दोनों मैदान के लिए बिहार राज्य खेल प्राधिकरण ने प्रस्ताव तैयार कर लिया. इन दोनों ग्राउंड का निर्माण बिहार सरकार के नगर विकास विभाग के सहयोग से किया जाएगा.
25 करोड़ रुपये की लागत से बनेंगे ग्राउंड
लगभग 25 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले दोनों टर्फ मैदान में फ्लडलाइट की भी व्यवस्था होगी और अंतराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी. इसके लिए बिहार स्टेट स्पोर्ट्स अथॉरिटी ने हॉकी इंफ्रास्ट्रक्चर का डीपीआर तैयार कर लिया है. वर्तमान समय में बिहार में हॉकी का एक भी एस्ट्रो टर्फ मैदान नहीं है. इस वजह से खिलाड़ियों की ट्रेनिंग के लिए सेंटर भी नहीं है.
बिहार में नहीं है हॉकी का एस्ट्रो टर्फ
पटना के हॉकी खिलाड़ियों का कहना है कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट केवल एस्ट्रो टर्फ पर आयोजित किए जाते हैं. बिहार में यह सुविधा नहीं होने की वजह से उनकी प्रैक्टिस प्रभावित होती है. राष्ट्रीय टूर्नामेंट में जब बिहार के खिलाड़ी खेलने जाते हैं तो पहले या दूसरे राउंड में ही बाहर हो जाते हैं. उन्होंने बताया कि दानापुर कैंट में एस्ट्रो टर्फ का हॉकी मैदान है लेकिन उस पर केवल आर्मी के खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति है.
हॉकी खिलाड़ियों को ट्रेनिंग के लिए नहीं जाना होगा बाहर
एस्ट्रो टर्फ मैदान बनने से बिहार में हॉकी का विकास तेजी से हो पाएगा. इस मैदान के बनने से खिलाड़ियों को विशेष फायदा होगा. राष्ट्रीय टूर्नामेंट में खेलने से पहले बिहार के खिलाड़ी दूसरे प्रदेशों में जा कर ट्रेनिंग लेते हैं. टर्फ का मैदान बनने के बाद यह परेशानी दूर हो जाएगी. वे राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की तैयारी पूरी तरह कर पाएंगे. टर्फ लगने के बाद बिहार में हॉकी का माहौल बदल जाएगा. खिलाड़ियों को बेहतर ट्रेनिंग मिल पाएगी.
क्या होगी खासियत
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हॉकी खेलने के लिए दो विश्वस्तरीय टर्फ ग्राउंड
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ग्राउंड में रात के वक्त भी खेल हो सके इसलिए फ्लडलाइट्स भी लगाई जाएंगी
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हॉकी सीखने के लिए एकेडमी भी होगी, जिसके लिए एक्सपर्ट व अनुभवी कोच भी बहाल किए जाएंगे
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खिलाड़ियों की बेहतर ट्रेनिंग के लिए स्पोर्ट्स साइंस स्टाफ की भी नियुक्ति की जाएगी, जिसमें स्ट्रेंग्थ और कंडीशनिंग कोच के साथ ही फिजियोथेरेपिस्ट भी होंगे
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पटना में टर्फ ग्राउंड बनने के बाद यहां राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता भी आयोजित की जा सकेगी
टर्फ ग्राउंड के निर्माण का मकसद
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बिहार के खिलाड़ियों की ट्रेनिंग ताकि वो राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर सकें
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हॉकी के नेशनल टीम में बिहार के ज्यादा ज्यादा खिलाड़ियों का चयन हो सके
शानदार रहा है बिहार में हॉकी का इतिहास
बिहार और झारखंड जब एक था तो बिहार की हॉकी टीम मजबूत मानी जाती थी. कई खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बिहार का नाम रोशन किया है. वर्ष 1928 के एम्सटर्डम ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम में बिहार के जयपाल सिंह मुंडा शामिल थे. वर्ष 1980 मास्को ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम में भी बिहार के जफर इकबाल थे. झारखंड से अलग होने के बाद पटना निवासी अजीतेश रॉय वर्ष 2008-09 में भारतीय हॉकी टीम के कप्तान थे. बिहार में जन्में विवेक सागर प्रसाद टोक्यो ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य थे. द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित छपरा के रहने वाले हरेंद्र सिंह ने भारतीय हॉकी टीम के कोच रह चुके हैं. वर्तमान में वह अमेरिका की हॉकी टीम के कोच हैं.
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खेल को बढ़ावा देने में डिप्टी सीएम की विशेष रुचि
हॉकी के एस्ट्रो टर्फ लगाने में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव की विशेष रुचि है. बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रविंद्रन शंकरन ने बताया कि डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव का निर्देश है कि जल्द से जल्द हॉकी टर्फ मैदान का निर्माण कराया जाए.