जांच अनिवार्य, जुर्माना सख्त, लेकिन बिहार के एक चौथाई प्रखंडों में नहीं हैं प्रदूषण जांच केंद्र

राज्यभर में परिवहन विभाग और यातायात पुलिस के माध्यम से लगातार गाड़ियों की जांच की जाती है, जिसमें सभी कागजात की जांच होती है और जांच के दौरान एक भी पेपर नहीं रहे, तो तुरंत जुर्माना वसूला जाता है. ऐसे में जब परिवहन विभाग ने हर प्रखंड की समीक्षा की, तो यह बात सामने आयी है कि अब भी राज्य के एक चौथाई से अधिक प्रखंडों में प्रदूषण जांच की सुविधा नहीं है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 26, 2021 10:16 AM

पटना. राज्यभर में परिवहन विभाग और यातायात पुलिस के माध्यम से लगातार गाड़ियों की जांच की जाती है, जिसमें सभी कागजात की जांच होती है और जांच के दौरान एक भी पेपर नहीं रहे, तो तुरंत जुर्माना वसूला जाता है. ऐसे में जब परिवहन विभाग ने हर प्रखंड की समीक्षा की, तो यह बात सामने आयी है कि अब भी राज्य के एक चौथाई से अधिक प्रखंडों में प्रदूषण जांच की सुविधा नहीं है.

इन प्रखंडों के वाहन चालकों को प्रदूषण प्रमाणपत्र लेने के लिए दूसरे शहरों का अभी रुख करना पड़ रहा है. ऐसे में सभी वाहन चालक प्रदूषण प्रमाणपत्र नहीं ले पा रहे हैं. जांच- पड़ताल में न चाहते हुए भी ऐसे वाहन चालकों को 10 हजार जुर्माने का भुगतान करना पड़ रहा है.

फाइलों में है प्रदूषण जांच केंद्र खोलने की योजना

परिवहन विभाग ने सभी प्रखंडों में प्रदूषण प्रमाण केंद्र खोलने की योजना बनायी है, लेकिन अभी भी यह फाइलों में ही सिमटा है. विभागीय रिपोर्ट के मुताबिक 534 प्रखंडों में से 147 प्रखंडों में प्रदूषण जांच में सुविधा नहीं है.

मात्र 387 प्रखंडों में 1000 से अधिक प्रदूषण केंद्र खुले हुए हैं. जिन प्रखंडों में प्रदूषण जांचने का केंद्र नहीं खुल सका है, वहां के लोग परेशान हैं और लोगों को जुर्माना भी देना पड़ा है. प्रदूषण प्रमाणपत्र नहीं होने पर 10 हजार जुर्माने का नियम है.

एक वर्ष पूर्व तक 250 जांच केंद्र थे

देखा जाये, तो बिहार में प्रदूषण जांच केंद्रों की संख्या में चार गुना बढ़ोतरी हुई है. एक वर्ष पूर्व तक राज्य में मात्र 250 वाहन प्रदूषण जांच केंद्र विभिन्न जिलों में थे. अब इसकी संख्या बढ़कर एक हजार से अधिक हो गयी है. विभाग द्वारा नियमों में बदलाव किये जाने के बाद जिलों में वाहन प्रदूषण जांच केंद्रों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है.2021 में 1000 और नये प्रदूषण जांच केंद्र खोले जायेंगे.

नियम में किया गया है संशोधन

विभागीय अधिकारियों के मुताबिक वाहनों के प्रदूषण की जांच और आम लोगों की सहूलियत के लिए राज्य में पर्याप्त संख्या में प्रदूषण जांच केंद्र खोले जायेंगे. अधिक- से -अधिक वाहन प्रदूषण जांच केंद्र खुले और आम लोग भी केंद्रों को चला सकें इसके लिए बिहार मोटर नियमावली, 1992 के नियमों में संशोधन किया गया है.

अब इंटर (साइंस) पास व्यक्ति भी वाहन प्रदूषण जांच केंद्र चला सकते हैं. पूर्व में वाहन प्रदूषण जांच केंद्र पर मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल या ऑटोमोबाइल अभियंत्रण में डिग्रीधारी या डिप्लोमाधारी को ही वाहन प्रदूषण जांच केंद्र पर रखा जाना आवश्यक था.

वहीं, अब प्रदूषण जांच केंद्र खोलने हेतु लाइसेंस लेने के लिए लोगों को पटना आने का चक्कर नहीं लगाना पड़ रहा है. हर जिले के प्रखंडों में वाहन प्रदूषण जांच केंद्र खोलने का लाइसेंस जिला परिवहन पदाधिकारी दे रहे हैं.

Posted by Ashish Jha

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