Loading election data...

बिहार के IPS आदित्य पांच महीने से चल रहे फरार, गिरफ्तारी के लिए अब बढ़ेगी सख्ती, जानें पूरी बात

गृह विभाग ने एफआइआर होने के बाद आइपीएस आदित्य कुमार को पहली बार 60 दिनों के लिए निलंबित किया था. 16 दिसंबर को निलंबित अवधि खत्म होने से पहले उनकी निलंबन अवधि दुबारा 120 दिन बढ़ा दी थी, जो 15 अप्रैल को समाप्त हो रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 26, 2023 1:36 AM

गया के पूर्व एसएसपी रहे भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) के निलंबित अधिकारी आदित्य कुमार पुलिस रिकॉर्ड में पिछले पांच महीने से फरार चल रहे हैं. पटना हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस के नाम पर डीजीपी को कॉल करने और फर्जीवाड़ा कर गया के फतेहपुर थाना में दर्ज शराब कांड को खत्म कराने के मामले में 15 अक्तूबर, 2022 को आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज की थी.

नवंबर 2022 से जारी है गैर जमानती वारंट

मामले में नवंबर 2022 के पहले सप्ताह में ही विशेष कोर्ट ने गैर जमानती वारंट भी जारी कर दिया. बावजूद अब तक उनकी गिरफ्तारी संभव नहीं हो सकी है. इसी बीच निलंबित आइपीएस की अग्रिम जमानत अर्जी भी दो बार खारिज हो चुकी है. शुक्रवार को पटना हाइकोर्ट द्वारा निलंबित आइपीएस की अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज होने के बाद निलंबित आइपीएस की गिरफ्तारी को लेकर बिहार पुलिस के स्तर पर सख्ती बढ़ने की उम्मीद लगायी जा रही है.

15 अप्रैल को खत्म हो रही निलंबन की अवधि

2011 बैच के आइपीएस आदित्य कुमार का निलंबन 15 अप्रैल, 2023 को समाप्त हो रही है. गृह विभाग ने एफआइआर होने के बाद आइपीएस आदित्य कुमार को पहली बार 60 दिनों के लिए निलंबित किया था. 16 दिसंबर को निलंबित अवधि खत्म होने से पहले उनकी निलंबन अवधि पुन: 120 दिन बढ़ा दी थी, जो 15 अप्रैल को समाप्त हो रही है. हालांकि, विभाग के स्तर से उनके निलंबन को बढ़ाया जा सकता है.

Also Read: सीवान में दो थानों के 11 पुलिसकर्मियों के सस्पेंड होने से विभाग में हड़कंप, जानिए एसपी ने क्यों की कार्रवाई

एसयूवी ने भी आय से अधिक संपत्ति का मामला किया दर्ज

निलंबित आइपीएस अधिकारी आदित्य कुमार के खिलाफ विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने 1.37 करोड़ रुपये आय से अधिक संपत्ति का मामला भी दर्ज कर रखा है. इस मामले में दानापुर के सगुना मोड़ और यूपी गाजियाबाद के इंदिरापुरम स्थित उनके फ्लैट और मेरठ स्थित पैतृक आवास पर जांच हो चुकी है. शुरुआती दिनों में बनायी गयी एसआइटी ने उनकी गिरफ्तारी को लेकर कई ठिकानों पर छापेमारी की, लेकिन बाद में मामला ठंडा पड़ गया.

Next Article

Exit mobile version