IPS आदित्य कुमार के पटना में दो और गाजियाबाद में एक ठिकाने पर छापेमारी, आमदनी से 131 फीसदी अधिक कमाई की

IPS आदित्य कुमार के पटना और गाजियाबाद के आवास पर बुधवार को स्पेशल विजिलेंस यूनिट के अधिकारियों ने छापेमारी की. पुलिस रिकार्ड में फरार चल रहे आदित्य कुमार आइपीएस अधिकारी हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 7, 2022 8:06 PM

IPS आदित्य कुमार के पटना और गाजियाबाद के आवास पर बुधवार को स्पेशल विजिलेंस यूनिट के अधिकारियों ने छापेमारी की. पुलिस रिकार्ड में फरार चल रहे आदित्य कुमार आइपीएस अधिकारी हैं. पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नाम पर डीजीपी एसके सिंघल को फर्जी कॉल कर अपना केस खत्म कराने वाले आदित्य कुमार के खिलाफ स्पेशल विजिलेंस यूनिट (एसवीयू) ने बुधवार को आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज कर छापेमारीकी गयी. एसवीयू ने पटना के सगुना मोड़ में वसीकुंज सोसायटी स्थित फ्लैट तथा यूपी में मेरठ और गाजियाबाद के ठिकानों पर छापेमारी की. तीन ठिकानों पर हुई छापेमारी में अब तक कैश 20 लाख रुपये, विभिन्न बैंक खातों में लगभगत 90 लाख रुपये तथा शेयर बांड एवं एफडी में लगभग पांच लाख रुपये के निवेश का पता चला है.

देर रात तक चला सर्च अभियान

सर्च अभियान देर रात तक जारी था. आदित्य कुमार पर आरोप है कि सरकारी सेवा में रहते हुए उन्होंने गलत तरीके से अकूत सम्पत्ति अर्जित की है. वेतन एवं अन्य ज्ञात स्रोतों की तुलना में ये बहुत अधिक है. इसी आरोप में उन पर एक करोड़ 37 लाख 18 हजार 114 रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित करने का केस दर्ज किया है. फरार आइपीएस की काली कमाई आय से 131 प्रतिशत अधिक है. इसी मामले में कोर्ट से तलाशी वारंट लेकर पटना, गाजियाबाद और मेरठ में तलाशी चल रही है.

फ्लैट के इंटिरीयर – कीमतों समान पर पर खर्च किये 18 लाख

स्पेशल विजिलेंस यूनिट की टीम ने पटना में वसीकुंज सोसायटी स्थित फ्लैट का ताला खुलवाने के लिये मशक्कत करनी पड़ी. दानापुर से ताला खोलने वाले को बुलाना पड़ा. यहां से 60 लाख रुपये रुपये की संपत्ति मिली है. फ्लैट के इंटिरीयर एवं विभिन्न प्रकार के कीमतों समान की कुल कीमत लगभग 18-20 लाख के बीच है. पटना में आइसीएस कोआपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में एक प्लाट मिला है. इसकी कीमत करीब 18 लाख रुपये है. बसुंधरा गाजियाबाद से भी 30 लाख रुपये की संपत्ति मिली है. इस तरह कुल एक करोड़ आठ लाख की संपत्ति मिली है. द्वारा स्टेट बैंक और अन्य बैंकों में अपने और अपने परिजनों के नाम पर विभिन्न प्रकार के निवेश एवं पासबुक तथा एक लॉकर का भी पता चला है.

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