Bihar News : भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के मामले में बेउर जेल में बंद गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार का निलंबन छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है. वहीं, करीब डेढ़ साल तक निलंबित रहे पूर्णिया के तत्कालीन एसपी दयाशंकर का निलंबन गृह विभाग ने समाप्त कर दिया है. निलंबन समीक्षा समिति की बैठक में इससे संबंधित निर्णय लिये जाने के बाद गृह विभाग ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है.
IPS आदित्य कुमार पर क्या है आरोप
बिहार कैडर के 2011 बैच के आइपीएस आदित्य कुमार पर अपने लाभ के लिए दोस्त को फर्जी न्यायाधीश बनाकर तत्कालीन डीजीपी एसके सिंघल को पैरवी वाला फोन कराने का आरोप है. इस मामले की जांच आर्थिक अपराध इकाई कर रही है. मामले में आदित्य 18 अक्टूबर 2022 से ही निलंबित चल रहे हैं. तब से उनका निलंबन तीन बार बढ़ाया जा चुका है. वह करीब आठ माह तक अपने कार्यालय से भी गायब थे. उनके विरुद्ध इओयू चार्जशीट समर्पित कर चुकी है.
IPS दयाशंकर के मामले में जांच जारी
विभाग ने बताया है कि 2014 बैच के आइपीएस दयाशंकर के विरुद्ध दर्ज कांड का अनुसंधान जारी है. अभी तक आरोपित पदाधिकारी के द्वारा साक्ष्यों से छेड़-छाड़ किए जाने या जांच प्रक्रिया को प्रभावित करने से जुड़ी कोई रिपोर्ट नहीं मिली है. इसी कारण उनका निलंबन दस अप्रैल के प्रभाव से समाप्त कर दिया गया है. मालूम हो कि विशेष निगरानी इकाई ने आय से अधिक संपत्ति मामले में पूर्णिया के तत्कालीन एसपी दयाशंकर के विरुद्ध अक्टूबर 2022 में उनके ठिकानों पर छापेमारी की थी.
पटना सिटी के तत्कालीन एसडीपीओ के विरुद्ध कार्रवाई
इधर, पटना सिटी के तत्कालीन अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) अमित शरण के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही चलेगी. इसके लिए पटना के डीएसपी मुख्यालय अनिल कुमार सिंह को प्रस्तुतीकरण पदाधिकारी नामित किया गया है. गृह विभाग ने इससे जुड़ा संकल्प भी जारी कर दिया है.
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