बिहार सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोप में फंसे दो आइपीएस अधिकारियों को कोई राहत नहीं दी है. चीफ जस्टिस के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले गया के तत्कालीन एसएसपी और अभी फरार चल रहे आइपीएस अधिकारी आदित्य कुमार और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में निलंबित पूर्णिया के एसपी आइपीएस अधिकारी दयाशंकर की निलंबन अवधि, 180 दिनों यानी 6 महीने के लिए बढ़ा दी गयी है. अब दोनों आइपीएस अधिकारी 12 अक्तूबर, 2023 तक निलंबित रहेंगे. इस संबंध में गृह विभाग ने बुधवार को आदेश जारी किया है.
पूर्णिया के तत्कालीन एसपी दयाशंकर के खिलाफ विशेष निगरानी इकाई(एसवीयू) ने आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया था. एसवीयू ने अक्तूबर 2022 में उनपर केस दर्ज कर कई ठिकानों पर छापेमारी की गई थी.एसवीयू की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने दयाशंकर को 18 अक्तूबर, 2022 को निलंबित कर दिया था.
गया के तत्कालीन एसएसपी आदित्य कुमार के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया था. इन पर फर्जी चीफ जस्टिस बनाकर डीजीपी को फोन कराने व पैरवी का आरोप था.इओयू ने इस आरोप के आधारआदित्य कुमार के खिलाफ 15 अक्तूबर, 2022 को केस दर्ज किया था. इसके बाद इनके ठिकानों पर छापेमारी की थी. आदित्य कुमार अब तक फरार हैं. सिविल कोर्ट से लेकर पटना हाइकोर्ट तक ने इनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है.
Also Read: पटना सिटी की एसडीओ होंगी IAS गुंजन सिंह, मसोढ़ी व पालीगंज समेत 32 अनुमंडलों में नए SDO
भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित मुंगेर रेंज के तत्कालीन डीआइजी मो शफीउल हक का निलंबन गृह विभाग ने वापस लेने का निर्णय लिया है. उनकी निलंबन अवधि मई 2023 थी. दरअसल वे कैंसर की बीमारी से लड़ रहे हैं, इसको देखते हुये निबंलन समीक्षा समिति ने उन्हें निलंबन से मुक्त करने का निर्णय लिया है. वहीं, प्रशिक्षु डीएसपी मिश्रा सोमेश कुमार शिव कुमार पर नैतिक अधिमता, कर्तव्यहीनता, अनुशासनहीनता, अनैतिक आचरण और पुलिस की छवि धूमिल करने के आरोप में गृह विभाग ने निंदन और पांच वेतन वृद्धि संचयात्मक प्रभाव से रोकने का आदेश दिया है.जबकि, वर्तमान में सेवानिवृत्ति और दरभंगा के तत्कालीन डीएसपी अरशद जमां के पेंशन से 90% अंश कटौती का दंड अधिरोपित किया है. उनपर कर्तव्यहीनता का आरोप था.