IRCTC/Indian Railways : समय सीमा में पूरा होगा किऊल-गया के दोहरीकरण का काम, कई प्रदेशों को मिलेगा लाभ

पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक ललित चंद्र त्रिवेदी ने राजेंद्र रेल पुल सहित अन्य रेल लाइन दोहरीकरण कार्य प्रगति की अर्द्धवार्षिक समीक्षा की.

By Prabhat Khabar News Desk | November 12, 2020 8:09 AM
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पटना : पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक ललित चंद्र त्रिवेदी ने राजेंद्र रेल पुल सहित अन्य रेल लाइन दोहरीकरण कार्य प्रगति की अर्द्धवार्षिक समीक्षा की. उन्होंने समय सीमा पर सभी निर्माण परियोजनाएं पूरी करने की बात कही.

बुधवार को दीघा में उच्चस्तरीय बैठक में पूर्व मध्य रेल में चल रहीं निर्माण परियोजनाओं के बारे में जानकारी ली. बैठक में इरकॉन, आरबीएनएल तथा डीएफसीसी द्वारा पूरी की जा रहीं विभिन्न निर्माण परियोजनाओं की समीक्षा की.

रामपुर डुमरा ताल-राजेंद्र पुल अतिरिक्त रेल पुल दोहरीकरण परियोजना, हाजीपुर-बछवारा, किऊल-गया दोहरीकरण परियोजना, तथा जयनगर-कुर्था रेल परियोजना का निर्माण कार्य इरकॉन द्वारा किया जा रहा है.

आरवीएनएल द्वारा सोननगर-पतरातु तीसरी लाइन, नेउरा-दनियावां नयी लाइन, बरबीघा-शेखपुरा नयी लाइन व गया मेमू शेड का निर्माण किया जा रहा है. पंडित दीनदयाल उपाध्याय से सोननगर तक डेडिकेटेड फ्रंट कॉरीडोर लाइन परियोजना का कार्य डीएफसीसी द्वारा पूरा किया जा रहा है.

जीएम ने कहा कि किऊल-गया के दोहरीकरण का लाभ बिहारवासियों को तो मिलेगा. साथ ही दिल्ली-हावड़ा मार्ग पर यात्रा करने वाले अन्य प्रदेश के यात्री भी लाभान्वित होंगे. यह रेल खंड वर्तमान में ग्रैंडकॉर्ड एवं मेन लाइन के यातायात दबाव को भी कम करेगा.

हाजीपुर-बछवाड़ा रेलखंड (72 किमी) के दोहरीकरण पर खर्च 679 करोड़ रुपये है. नेउरा-दनियावां व बरबीघा-शेखपुरा नयी लाइन के निर्माण के साथ गया जंक्शन के वेस्ट केबिन के पास मेमू शेड का निर्माण आरवीएनएल द्वारा किया जा रहा है. झाझा के बाद यह पूर्व मध्य रेल का दूसरा मेमू शेड होगा.

Posted by Ashish Jha

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