जमालपुर रेलवे प्रशिक्षण संस्थान को UP शिफ्ट करने के मुद्दे पर बढ़ा सियासी बवाल, जदयू ने कहा रेल मंत्री करें पुनर्विचार
बिहार के जमालपुर में मौजूद रेलवे प्रशिक्षण संस्थान यानि इंडियन रेलवे इंस्टीट्यूट ऑफ मैकेनिकल एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (IRIMEE ) को बिहार से लखनऊ स्थानांतरित करने के मुद्दे पर अब बिहार सरकार और केंद्र सरकार दोनो खुलकर आमने-सामने हो चुके हैं.अब बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री व जेडीयू नेता संजय कुमार झा ने इस मामले को लेकर एक के बाद एक कई ट्वीट कर दिए जिसके बाद इस मामले ने और तूल पकड़ लिया है.
बिहार के जमालपुर में मौजूद रेलवे प्रशिक्षण संस्थान यानि इंडियन रेलवे इंस्टीट्यूट ऑफ मैकेनिकल एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (IRIMEE ) को बिहार से लखनऊ स्थानांतरित करने के मुद्दे पर अब बिहार सरकार और केंद्र सरकार दोनो खुलकर आमने-सामने हो चुके हैं.अब बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री व जेडीयू नेता संजय कुमार झा ने इस मामले को लेकर एक के बाद एक कई ट्वीट कर दिए जिसके बाद इस मामले ने और तूल पकड़ लिया है.
उन्होने अपने ट्वीट में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक पत्र के आलोक में केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है. जेडीयू नेता ने अपनी मांग रखते हुए ट्वीट में लिखा – ” जमालपुर स्थित इंडियन रेलवे के इस सबसे पुराने केन्द्रीय संस्थान से न सिर्फ बिहार के लोगों का बल्कि भारतीय रेल के हजारों लोगों व अधिकारीयों का भावनात्मक जुड़ाव रहा है. नीतीश कुमार जी के 1 मई को लिखे पत्र के आलोक में रेलमंत्री पीयूष गोयल जी से तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध है.”
#जमालपुर स्थित इंडियन रेलवे के इस सबसे पुराने केन्द्रीय संस्थान से न सिर्फ बिहार के लोगों का बल्कि भारतीय रेल के हजारों लोगों व् अधिकारीयों का भावनात्मक जुड़ाव रहा है. @NitishKumar जी के 1 मई को लिखे पत्र के आलोक में रेलमंत्री @PiyushGoyal जी से तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध है।
— Sanjay Kumar Jha (@SanjayJhaBihar) May 6, 2020
संजय झा ने इसी मुद्दे को लेकर अपने एक और ट्वीट में लिखा कि ” 93 साल पुराना IRIMEE जमालपुर, बिहार और रेलवे के गौरवपूर्ण इतिहास का अभिन्न हिस्सा रहा है. 1927 से ही यह रेलवे के शीर्षस्थ अधिकारियों को प्रशिक्षित करता रहा है. इसे बिहार से बाहर ले जाने के रेल मंत्रालय के आदेश पर नीतीश कुमार जी ने पुनर्विचार का आग्रह किया है.”
उन्होंने बताया कि नीतीश कुमार ने एक मई को रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर इस फैसले को रद्द करने का आग्रह किया था. IRIMEE रेलवे और बिहार की समृद्ध विरासत का प्रतिनिधित्व करता है. बिहार और रेलवे के साथ इसका बहुत ऐतिहासिक संबंध है, इसे बिहार से अलग किए जाने के बदले इसे मजबूत किए जाने की जरूरत है.
उन्होंने आगे अपने ट्वीट के जरिए कहा- “देश का यह सबसे पुराना केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान एक प्रतिष्ठित संस्थान है और यह बिहार का गौरव रहा है. इसकी स्थापना 1888 में हुई. आईआरआईएमईई जमालपुर 1927 से भारतीय रेलवे के शीर्ष प्रतिभाओं को प्रशिक्षित करने के लिए सबसे प्रतिष्ठित केंद्र रहा है. 93 साल की विरासत को इस ताह कैसे मिटाया जा सकता है?”
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This oldest central training institute has been an iconic institution, and a pride of Bihar. Estb in 1888, IRIMEE #Jamalpur has been most coveted center for training to Indian Railway's top brains since 1927. How can a legacy of 93 years be wiped off so brazenly?@PMOIndia— Sanjay Kumar Jha (@SanjayJhaBihar) May 6, 2020
संजय झा लिखते हैं कि 2015 में बिहार ने केंद्र से IRIMEE को यूनिर्वसिटी बनाने की मांग की थी. अब इसे इस तरह यहां से शिफ्ट कर देना अस्वीकार्य है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने मजबूती से अपनी बात रख दी है और उन्हें पूरी उम्मीद है कि केंद्र सरकार इस मामले पर उनकी बात को सुनते हुए राज्य के हित में इस फैसले को वापस लेगी.
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In 2015, Bihar urged Centre to upgrade IRIMEE into an Univ. It was informed that instead National Academy of Railway, Vadodara was being upgraded as 1st national university and IRIMEE shall operate under this new univ. Now, this move to shift it is unacceptable @PiyushGoyal— Sanjay Kumar Jha (@SanjayJhaBihar) May 6, 2020
इंडियन रेलवे इंस्टीट्यूट ऑफ मैकेनिकल एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (IRIMEE ) नाम से यह प्रशिक्षण संस्थान मुंगेर जिला के जमालपुर में 1888 में खोला गया था जहां 1927 से रेलवे के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग से जुड़े स्टाफों को प्रशिक्षण दिया जाता रहा है.
बता दें कि, जदयू मंत्री के ट्वीट में किए दावे के अनुसार रेल मंत्रालय ने बिहार के सबसे पुराने प्रशिक्षण संस्थान को बंद करने का निर्णय लिया है. और इसे लखनऊ हस्तांतरित करने का आदेश दे दिया है.