मधेपुरा में राजकीय नलकूप के खराब रहने से खेतों की सिंचाई हो रही प्रभावित, किसानों ने दी आंदोलन की चेतावनी
मधेपुरा में लघु सिंचाई विभाग अंतर्गत राजकीय नलकूप की सारी व्यवस्थाएं पंचायत को सौंपा गया है. पंचायत के मुखिया को नलकूप के रख रखाव का ख्याल रखना है, लेकिन मुखिया इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं, जबकि संबंधित विभाग भी चुप बैठे हुए हैं.
मधेपुरा. जिले के उदाकिशुनगंज प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत लश्करी पंचायत के बाड़ाटेनी गांव स्थित राजकीय नलकूप पिछले कई वर्षों से खराब पड़ा हुआ है. इस वजह से खेतों में सिंचाई नहीं हो पा रही है. इस वक्त जिले के किसान सूखाड़ की चपेट में हैं. वर्षा नहीं होने के कारण फसल बर्बाद हो रही है. ऐसे में किसानों का कहना है कि यदि राजकीय नलकूप (स्टेट बोरिंग) भी सही रहता तो कुछ हद तक राहत मिलता. नलकूप के चालू होने से हजारों हेक्टेयर में सिंचाई संभव हो पाता, लेकिन जनप्रतिनिधि और अधिकारियों की उदासीनता के कारण नलकूप बंद पड़ा है, जिससे सिंचाई में किसानों को परेशानी हो रही है.
किसान दाने दाने को मोहताज रहेंगे
वहीं, यही स्थिति रहा तो इस बार किसान दाने दाने को मोहताज रहेंगे. किसानों को घर परिवार चलाने में भी कठिनाई आयेगी. बाड़ाटेनी गांव के नलकूप के बंद होने की वजह मोटर में खराबी होना बताया जा रहा है. मोटर करीब चार साल से खराब होना बताया जा रहा है. सिंचाई व्यवस्था ठप पड़ने से किसान आक्रोशित है. आक्रोशित किसानों ने बताया कि अब उनके पास धरना-प्रदर्शन के अलावा कोई उपाय नहीं रह गया है. वजह कि किसान अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि तक गुहार लगा चुके हैं. जहां अधिकारी और जनप्रतिनिधि ध्यान नहीं दे रहे हैं.
मुखिया इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं
बताया जाता है कि लघु सिंचाई विभाग अंतर्गत राजकीय नलकूप की सारी व्यवस्थाएं पंचायत को सौंपा गया है. पंचायत के मुखिया को नलकूप के रख रखाव का ख्याल रखना है, लेकिन मुखिया इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं, जबकि संबंधित विभाग भी चुप बैठे हुए हैं. किसानों ने बताया कि पिछले वर्ष सितंबर 2018 में ही नया मोटर लगाया गया था. जहां लगने के कुछ दिन बाद ही मोटर जल गया. इस कारण नलों से पानी निकल नहीं रहा है. मोटर के खराब रहने के कारण किसान के खेत पटवन नहीं हो पा रहा है. जबकि इस नलकूप से हजारों हेक्टेयर खेतों की सिंचाई होती है. जहां लोग इन नलकूप के सहारे खेती करते हैं, लेकिन नलकूप के खराब होने के कारण सिंचाई प्रभावित है. किसान मायूस हैं.
किसानों ने आंदोलन की चेतावनी दी है
इस बारे में किसान ने विभागीय अधिकारी से भी संपर्क किया, लेकिन अधिकारी ने मोटर खराबी के मामला पंचायत का होना बताकर टाल गये. जबकि पंचायत के मुखिया स्पष्ट जबाव नहीं दे पा रहे हैं. ऐसे में किसान दुविधा में हैं. किसानों को व्यवस्था के प्रति आक्रोश भी है. स्थानीय किसान रोष व्यक्त करते हुये कहा कि बोरिंग के खराब होने से इस बार धान व अन्य की खेती नहीं हो पायेगी. वजह की सिंचाई का साधन एकमात्र राजकीय नलकूप ही है. ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि वह जल्द बोरिंग को ठीक कराएं, नलकूप ठीक नहीं होने पर किसानों ने आंदोलन की चेतावनी दी है.