बिहार में नयी तकनीक से की जाएगी सिंचाई परियोजनाओं की निगरानी, विभाग ने ‘वामिस’ सॉफ्टवेयर व एप किया तैयार
विभाग ने ‘वामिस’ सॉफ्टवेयर के साथ-साथ ‘वामिस’ एप भी तैयार किया है. इसमें जल संसाधन विभाग के राज्यभर के अधिकारी अपने क्षेत्र की योजनाओं से संबंधित रियल टाइम अपडेट्स अपलोड करेंगे.
पटना. राज्य की सिंचाई परियोजनाओं का प्रभावी प्रबंधन और निगरानी अब नयी तकनीक के माध्यम से किया जायेगा. इसके लिए जल संसाधन विभाग ने एक जुलाई से ‘वामिस’ (वर्क्स एकाउंट्स मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम) नामक एक नयी सूचना प्रणाली को अपनाने का फैसला किया है. विभाग ने ‘वामिस’ सॉफ्टवेयर के साथ-साथ ‘वामिस’ एप भी तैयार किया है. इसमें जल संसाधन विभाग के राज्यभर के अधिकारी अपने क्षेत्र की योजनाओं से संबंधित रियल टाइम अपडेट्स अपलोड करेंगे.
प्रशिक्षित किये जाएंगे कर्मी व अभियंता
अधिकारी विभिन्न योजनाओं के स्थल निरीक्षण के दौरान कार्यस्थल से ही प्रोजेक्ट के संबंध में जरूरी सूचनाओं को अपलोड करेंगे. इसमें कार्य की अद्यतन प्रगति, मशीन और श्रमबल की उपलब्धता, जियो टैग्ड फोटो आदि शामिल होंगे. विभाग ने ‘वामिस’ के सफल कार्यान्वयन के उद्देश्य से सभी क्षेत्रीय अभियंताओं और कर्मियों को प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया है.
नयी सूचना प्रणाली को अपनाने का निर्णय
इसके लिए 20 से 22 जून तक तीन दिनों का प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जायेगा. इसमें विभिन्न सत्रों में विभाग के सभी प्रक्षेत्र के अभियंता एवं कर्मी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ेंगे. 20 जून को सुबह के सत्र में बाढ़ नियंत्रण एवं जल निस्सरण मुजफ्फरपुर एवं समस्तीपुर जोन शामिल होंगे. दोपहर बाद के सत्र में कटिहार और गोपालगंज जोन शामिल होंगे.
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जानें मुख्य बातें
वहीं, 21 जून को सुबह के सत्र में यांत्रिक, पटना, समग्र अन्वेषण एवं योजना आयोजन, पटना तथा केंद्रीय रूपांकन, शोध एवं गुण नियंत्रण, पटना शामिल होंगे. दोपहर बाद के सत्र में सिंचाई सृजन डिहरी, औरंगाबाद व गया शामिल होंगे. 22 जून की सुबह के सत्र में सिंचाई सृजन बिहारशरीफ, भागलपुर, सहरसा और दोपहर बाद के सत्र में दरभंगा, सीवान एवं मोतिहारी के क्षेत्रीय कर्मियों एवं अभियंताओं को प्रशिक्षण दिया जायेगा.
क्या है वामिस
‘वामिस’ एक नया सॉफ्टवेयर है. इसमें प्रशासनिक अनुमोदन, तकनीकी बारीकियां,इ-माप बुक (इएमबी), बिलिंग, सर्वेक्षण, स्थल निरीक्षण आदि से संबंधित सूचनाओं के संग्रहण के लिए मोबाइल एप्लिकेशन को भी शामिल किया गया है. यह नयी सूचना प्रणाली व्यापक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (सीएफएमएस) का पूरक होगी. साथ ही परियोजनाओं के प्रभावी प्रबंधन और निगरानी में भी सहायक होगी.
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