बिहार के हर खेत को सिंचाई के लिए मार्च 2024 के बाद मिलने लगेगा पानी, 439 परियोजनाओं पर हो रहा काम
बिहार में बाढ़ पूर्व तैयारी के लिए करीब 273 योजनाओं पर काम कर उन्हें मजबूत किया जा रहा है. इस पर अनुमानित खर्च करीब 1602 करोड़ रुपये है. इसके तहत सभी काम 15 मई तक पूरा करने की समय- सीमा है.
बिहार में सात निश्चय भाग दो की महत्वपूर्ण योजना ‘हर खेत को सिंचाई’ के तहत सिंचाई के लिए करीब 439 बड़ी और मध्यम परियोजनाओं पर मार्च 2024 तक काम पूरा होने की संभावना है. इन योजनाओं को पूरा करने की जिम्मेदारी जल संसाधन विभाग के पास है. फिलहाल राज्य की बड़ी करीब 661 सिंचाई योजनाओं को बेहतर बनाकर उनसे खेती के लिए पानी मुहैया की जिम्मेदारी जल संसाधन विभाग को सौंपी गयी है. इनसे करीब एक लाख 25 हजार हेक्टेयर को अतिरिक्त सिंचाई सुविधा मिल सकेगी. इनकी अनुमानित लागत करीब 397 करोड़ रुपये है.
222 योजनाओं पर काम पूरा हो चुका है
सूत्रों के अनुसार 661 में से 424 योजनाओं पर काम करने के लिए विभाग की तरफ से प्रशासनिक मंजूरी दी गयी थी. इसमें से करीब 222 योजनाओं पर काम पूरा हो चुका है. ऐसे में 661 में से करीब 439 योजनाओं पर काम की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.
29 हजार 952 परियोजनाओं पर काम करने की योजना
सूत्रों के अनुसार राज्य में हर खेत को सिंचाई का पानी के तहत करीब 29 हजार 952 परियोजनाओं पर काम करने की योजना बनायी गयी थी. इसकी जिम्मेदारी अलग-अलग पांच विभागों को दी गयी है. इसमें बड़ी करीब 661 योजनाओं को जल संसाधन विभाग द्वारा सिंचाई का पानी उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी है.
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बाढ़ पूर्व तैयारी के लिए 273 योजनाओं पर हो रहा काम
राज्य में बाढ़ पूर्व तैयारी के लिए करीब 273 योजनाओं पर काम कर उन्हें मजबूत किया जा रहा है. इस पर अनुमानित खर्च करीब 1602 करोड़ रुपये है. इसके तहत सभी काम 15 मई तक पूरा करने की समय- सीमा है. राज्य में बाढ़ आने के संभावित स्थलों, बांध आदि को बेहतर बनाने और उनकी निगरानी के लिए जल संसाधन विभाग ने सात जांच दलों का गठन किया है. प्रत्येक दल में एक कार्यपालक और एक सहायक अभियंता को जिम्मेदारी दी गयी है.