भारत की इन IT कंपनियों ने सबसे अधिक वेतन की वृद्धि की, देखें टॉप 5 लिस्ट
भारत की सबसे बड़ी इंफॉर्मेशन टेक्नॉलॉजी (IT) सर्विस देने वाले कोफोर्ज (Coforge) ने अपने कर्मचारियों के वेतन में 18.3 फीसदी की तक का इजाफा किया है. जबकि एल एंड टी इंफोटेक (L&T INFOTECH) पर्सिस्टेंट सिस्टम्स (पीएसवाईएस) ने वित्त वर्ष 22 में दो अंकों में वेतन वृद्धि की है.
पटना: देश की सबसे बड़ी इंफॉर्मेशन टेक्नॉलॉजी (IT) सर्विस देने वाले कोफोर्ज (Coforge) ने अपने कर्मचारियों के वेतन में 18.3 फीसदी की तक का इजाफा किया है. कंपनी के मुताबिक वेतन में वृद्धि रणनीतिक प्रतिभा और कर्चमारियों के करियर डेवलपमेंट के लिए किया गया है. ब्रोकरेज और रिसर्च फर्म एलारा कैपिटल की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोफोर्ज, एलएंडटी इंफोटेक (L&T INFOTECH) पर्सिस्टेंट सिस्टम्स (पीएसवाईएस) ने वित्त वर्ष 22 में दो अंकों में वेतन वृद्धि की है. जो बीते चार सालों में सबसे ज्यादा है.
COFORGE ने 27.2% वेतन की बढ़ोतरी कीब्रोकरेज और रिसर्च फर्म एलारा कैपिटल की रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2012 में औसत वेतन वृद्धि मिडकैप भारतीय आईटी कंपनियों के लिए 2.4 गुना पांच साल की औसत वेतन वृद्धि थी. रिपोर्ट के मुताबिक Coforge ने साल-दर-साल वेतन में सबसे अधिक 27.2% की बढ़ोतरी की. जबकि लएंडटी इंफोटेक ने अपने कर्मचारियों के वेतन में 18.3 फीसदी की बढ़ोतरी की, उसके बाद पर्सिस्टेंट सिस्टम्स ने 14.5%, एमफैसिस ने 9% और माइंडट्री ने 7% की बढ़ोतरी की.
एलारा कैपिटल की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 17-22 के वेतन सीएजीआर (चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर) पर, एलटीआई / कॉफोर्ज सबसे नीचे माइंडट्री और एमफैसिस के साथ शीर्ष पर है. इसी बीच वित्त वर्ष 2022 में ऐसी सभी कंपनियों के लिए कर्मचारी पिरामिड पुनर्गठन किया गया था. जिसमें माइंडट्री (एमटीसीएल) अग्रणी थी.
कुशल श्रमिकों को लुभाने के लिए की गई बढ़ोतरीरिसर्च फर्म एलारा कि रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2012 में कर्मचारियों की वृद्धि औसत वेतन वृद्धि से अधिक हो गई थी. जिसका मतलब यह है कि पिछले चार वर्षों में तेजी से नए सिरे से वृद्धि (पिरामिड फ्लैटिंग) हुई है. क्लाउड-कंप्यूटिंग, डिजिटल भुगतान अवसंरचना, साइबर सुरक्षा और क्रिप्टोक्यूरेंसी लेनदेन जैसी सेवाओं की मांग बढ़ने के कारण आईटी दिग्गजों ने पिछले दो वर्षों में कुशल श्रमिकों को लुभाने के लिए शीर्ष मुआवजे का भुगतान किया गया है.
कोविड-19 काल में कंपनियों ने वेतन में की थी कटौतीगौरतलब है कि कोविड-19 के दौर में वो समय भी आया, जब कंपनियों में लॉकडाउन के कारण ताले लग गए थे. बाजार हो या बड़े-बड़े मॉल व शोरूम, सभी बंद हो गए. इसके कारण देश भर में अनिश्चितता का माहौल व्याप्त हो गया था. ऐसे में कई आईटी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों की संख्या और वेतन राशि में बढ़ोतरी के बजाय भारी कटौती की थी. लेकिन जैसे ही लॉकडाउन खुला और अर्थव्यवस्था ने रफ्तार पकड़ी तो आईटी विशेषज्ञों की मांग भी तेजी से बढ़ी है. कोविड-19 के कारण ऑनलाइन बाजार में तेजी आई है. ई-ग्रॉसरी, ई-फार्मेसी, ई-हेल्थ केयर, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से नए-नए ग्राहक जुड़ने लगे है.
बीते साल इन कंपनियों से कर्मचारियों ने दिया था इस्तीफासर्वेक्षण के अनुसार, टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो, एचसीएल में कई तकनीकी विशेषज्ञों ने अपनी नौकरी सिर्फ इसलिए छोड़ दी थी क्यों कि उनके वेतन में कंपनी ने कोई बढ़ोतरी नहीं की थी. इसके कारण कर्मचारियों ने दूसरी कंपनियों का रूख किया. इसमें डिजिटल स्किलिंग वाले कर्मचारियों की संख्या सबसे ज्यादा है.
भारत में तकनीकी सेवा में हुई बढ़ोतरीभारत में तकनीकी सेवा के क्षेत्र में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. साल 2019 में यह 9.5 प्रतिशत था जो कोविड 19 के कारण वर्ष 2020 में यह गिरकर 5.2 प्रतिशत हो गया. वर्ष 2021 में आंकड़ों में फिर बढ़ोतरी हुई और यह बढ़कर 8.8 प्रतिशत और वर्ष 2022 में यह सबसे अधिक 11 प्रतिशत रहने की उम्मीद है.
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