Coronavirus in Bihar : दोबारा कोरोना पॉजिटिव होना संभव, पर घबराने की कोई जरूरत नहीं, स्थिति नहीं होगी गंभीर
कोरोना की वैक्सीन दो डोज लगवाने के बाद संक्रमण की पुष्टि होने पर विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा संभव है. लेकिन इससे बिल्कुल घबराने की जरूरत नहीं है. कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में इस तरह के केस अधिक देखने को मिल रहे हैं.
पटना. कोरोना की वैक्सीन दो डोज लगवाने के बाद संक्रमण की पुष्टि होने पर विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा संभव है. लेकिन इससे बिल्कुल घबराने की जरूरत नहीं है. कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में इस तरह के केस अधिक देखने को मिल रहे हैं.
वैक्सीन बनाने वाले विशेषज्ञों ने भी करीब 82 प्रतिशत तक वैक्सीन के असरदार होने की बात कही है. यदि कोई संक्रमित हो भी गया है, तो गंभीर होने की आशंका बेहद कम होती है. ऐसे में कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए अपनी रोजमर्रा का काम करना है.
एक लाख नौ हजार को कोरोना की वैक्सीन
राज्य भर में शुक्रवार को एक लाख नौ हजार लोगों को कोरोना का वैक्सीन दिया गया. इसमें 95 हजार 47 लोगों को कोरोना का पहला डोज , जबकि पांच हजार 914 लोगों को कोरोना का दूसरा डोज दिया गया. कोरोना वैक्सीन का सर्वाधिक पहला डोज 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों ने लिया.
इस आयु वर्ग में कुल 80 हजार 425 लोगों ने, जबकि 45-59 आयु वर्ग 10 हजार 736 लोगों ने वैक्सीन का पहला डोज लिया. स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार अभी तक राज्य में कुल 24 लाख 82 हजार 903 लोगों ने वैक्सीन ले लिया है. कोरोना वैक्सीन का पहला डोज 20 लाख 61 हजार 207 लोगों ने जबकि चार लाख 21 हजार 696 लोगों ने कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज लिया है. राज्य में 211 नये कोरोना पॉजिटिव शुक्रवार को मिले.
गार्डिनर रोड अस्पताल के अधीक्षक डॉ मनोज कुमार सिन्हा ने कहा कि वैक्सीन 100 प्रतिशत लोगों में काम करेगी ऐसा वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों व वैज्ञानिकों की ओर से भी नहीं कहा गया है. अगर किसी को वैक्सीन लगवाने के बाद संक्रमण होता है तो घबराएं नहीं.
पटना जिले में 3400 लोगों को लगा कोरोना का टीका
कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए राजधानी पटना में वैक्सीनेशन की रफ्तार तेज कर दी गयी है. इसी कड़ी में पटना जिले में शुक्रवार को करीब 3400 लोगों को कोरोना का टीका लगाया गया. इसके साथ ही अब तक जिले में 320515 लोगों को वैक्सीन लगायी जा चुकी है. इसमें 209264 फस्ट डोज और 47187 सेकेंड डोज वाले लोग शामिल हैं. टीका लगाने वालों में बुजुर्ग सबसे आगे हैं.
Posted by Ashish Jha