नरकटियागंज (पश्चिम चंपारण): पाकिस्तान से भारत की तबाही रचने वाले आतंकी फंडिंग का रिमोट कंट्रोलर शिकारपुर थाना क्षेत्र के रूपवलिया गांव का इजहारुल हुसैन निकला है. उत्तर प्रदेश में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान से जिस केनरा बैंक अकाउंट में 70 लाख रुपए की फंडिंग की गयी है, उस अकाउंट को शिकारपुर थाना क्षेत्र का रहने वाला इजहारुल हुसैन ऑपरेट कर रहा था. इस बैंक अकाउंट के साथ जो रजिस्टर्ड फोन नंबर है, वो इजहारुल का मोबाइल नंबर है.
बेतिया जेल में बंद है इजहारूल
इजहारूल फिलहाल बेतिया मंडल कारा में शराब पीकर हंगामा करने के आरोप में बंद है. इस बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश गिरफ्तार सात संदिग्ध आतंकियों से मिले इनपुट के आधार पर हुआ है. इसी इनपुट के आधार पर एटीएस गाजियाबाद की टीम ने बीते आठ नवंबर को शिकारपुर पहुंचकर इज़हारुल से पूछताछ की थी. जिसमें अहम सुराग मिले हैं. हालांकि जब एटीएस के साथ शिकारपुर पुलिस ने छापेमारी की तो इजहार नशे की हालत में गोखुला स्टेशन पर मिला. इसके बाद उत्पाद अधिनियम के तहत उसे बेतिया जेल भेज दिया गया. पूछताछ के बाद एटीएस की टीम तो लौट गयी, लेकिन इजहारूल को रिमांड पर लेने की तैयारी में जुट गयी है.
रियाजुद्दीन के खाते में 70 लाख रुपए आए
बताया जाता है की गाजियाबाद के जिस रियाजुद्दीन के खाते में 70 लाख रुपए आए हैं, एटीएस ने उसको सोमवार को हिरासत लिया है. पूछताछ में पता चला है कि रियाजुद्दीन पारिवारिक विवाद के बाद पिछले एक साल से हापुड़ जिले के कस्बा पिलखुवा में रहकर मशीन का काम कर रहा था. इससे पहले वो दिल्ली की खराद फैक्ट्री में काम करता था, जहां उसकी मुलाकात शिकारपुर थाना के इजहारूल से हुई थी.उसी ने रियाजउद्दीन का बैंक खाता खुलवाया था. इसके बदले रियाजुद्दीन को हर महीने 10 हजार रुपए मिलते थे. हालांकि खाता ऑपरेट खुद इजहारूल कर रहा था.
एक महीने में हुई 75 लाख रुपये की फंडिंग
जानकारी के अनुसार गाजियाबाद में फरीदनगर की केनरा बैंक ब्रांच में एक बैंक अकाउंट खोला गया है, जिसमें एक महीने में 65 से 70 लाख रुपये की संदिग्ध लेन-देन हुई. मार्च 2022 से अप्रैल 2022 के बीच 75 लाख रुपये की विदेशी फंडिंग हुई है. इसको लेकर यूपी एटीएस के हाथ तमाम सबूत मिले हैं. ये अकाउंट 126 मकान नंबर अंसारीमान मुहल्ला फरीदनगर के रियाजुद्दीन के नाम से खुला मिला जो कि गाजियाबाद का रहने वाला है.
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किसी बड़े हमले की प्लानिंग कर रहे थे दोनों
एटीएस को ये भी पता चला है कि रियाजुद्दीन के खाते से इजहारुल हुसैन का मोबाइल नम्बर लिंक था और दोनों ही किसी बड़े हमले की प्लानिंग कर रहे थे. दोनों पाकिस्तान में बैठे हैंडलर के टच में थे और हैंडलर ही इन लोगों को फंडिंग कर रहा था. सुरक्षा संस्थानों के साथ-साथ प्रतिष्ठानों और भारतीय सेना की जासूसी के नेटवर्क में फंडिंग की जा रही थी.
कालिंग ऐप के जरिये पाकिस्तानी हैंडलर से जुड़ा था इजहारूल
यूपी एटीएस को ये भी जानकारी मिली है कि रूपवलिया का रहने वाला इज़हारुल हुसैन कॉलिंग एप के जरिए पाकिस्तानी हैंडलर से सीधे जुड़ा हुआ था और खाते में आई रकम को कई अन्य बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया था. इनपुट मिलने के बाद यूपी एटीएस आइबी टीम के साथ बीते आठ नवंबर को शिकारपुर पहुंची और इजहारूल से घंटों पूछताछ की. इसी के साथ ही यूपी एटीएस ने खाताधारक रियाजुद्दीन, इज़हारुल हुसैन और अज्ञात पाकिस्तानी एजेंट के खिलाफ लखनऊ में एफआईआर दर्ज कर ली है.
छापेमारी कर सकती है यूपी एटीएस
माना जा रहा है कि इस संबंध में यूपी एटीएस आने वाले दिनों में संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी कर सकती है. बता दें कि हाल ही में यूपी एटीएस ने आलमबाग भमौला में रहने वाले अब्दुल्ला अर्सलान और मंजूरगढ़ी में रहने वाले माज बिन तारीक को गिरफ्तार किया था, दोनों के तार अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से जुड़े मिले हैं. इस मामले में भी एटीएस आगे की छानबीन कर रही है और दोनों से पूछताछ जारी है.
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क्या बोले थानाध्यक्ष
गोखुला स्टेशन पर शराब पीकर हंगामा करते रूपवलिया गांव निवासी इजहारूल हुसैन को गिरफ्तार किया गया था. उसके विरुद्ध उत्पाद अधिनियम के तहत शिकारपुर थाना में एफआइआर दर्ज करते हुए जेल भेज दिया गया है. -रामाश्रय यादव, थानाध्यक्ष शिकारपुर