राजद की बैठक में शामिल होने दिल्ली नहीं पहुंचे जगदानंद सिंह, पिता की नाराजगी पर सुधाकर ने कही ये बात

दिल्ली में राजद का राष्ट्रीय अधिवेशन शुरू हो चुका है. पहले दिन रविवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हो रही है. इसमें अधिवेशन में रखे जाने वाले प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी. रविवार से शुरू हुए पार्टी के इस राष्ट्रीय अधिवेशन में राजद के बिहार प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह दिल्ली नहीं पहुंचे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 9, 2022 11:57 AM
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पटना. दिल्ली में राजद का राष्ट्रीय अधिवेशन शुरू हो चुका है. पहले दिन रविवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हो रही है. इसमें अधिवेशन में रखे जाने वाले प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी. रविवार से शुरू हुए पार्टी के इस राष्ट्रीय अधिवेशन में राजद के बिहार प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह दिल्ली नहीं पहुंचे हैं.

मैं छोटा कार्यकर्ता, मुख्य प्रवक्ता देंगे जानकारी

जगदानंद के दिल्ली नहीं आने और उनके नाराज होने पर जब दिल्ली में पत्रकारों ने उनके पुत्र सुधाकर सिंह से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि वो पार्टी के बहुत छोटे कार्यकर्ता हैं, प्रदेश अध्यक्ष के नहीं आने के संबंध में पार्टी के मुख्य प्रवक्ता ही बतायेंगे. सुधाकर ने कहा कि उन्हें किसी से कोई नाराजगी नहीं है. लालू प्रसाद उनके नेता हैं और वो पार्टी की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली आये हैं. लालू से मुलाकात पर उन्होंने कहा कि पार्टी का कार्यकर्ता होने के नाते नेता से मिलना सौभाग्य की बात है.

तेजस्वी ने किसी प्रकार की नाराजगी से किया इनकार

दूसरी ओर, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बैठक में आना या नहीं आना जगदानंद सिंह का फैसला है, लेकिन उनकी नाराजगी की कोई बात नहीं है, अगर वो नाराज होते तो हमें बताया होता. मालूम हो कि जगदानंद सिंह के समर्थकों ने उनकी तबीयत खराब होने का हवाला दिया है, लेकिन यह भी कहा है कि तबियत ठीक होते ही वो दिल्ली जायेंगे.

क्यों नाराज हैं जगदानंद सिंह?

बेटे सुधाकर सिंह के नीतीश कैबिनेट के इस्तीफे के बाद से जगदानंद सिंह राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव समेत अन्य नेताओं से नाराज चल रहे हैं. उनके राजद प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफे की अटकलें हैं. जगदानंद सिंह आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के खासे करीब हैं, नीतीश कुमार से उनकी बनती नहीं है. इस बार जो राजद का जदयू से गठबंधन हुआ है, उसमें भी जगदानंद की राय को लालू प्रसाद ने कोई महत्व नहीं दिया. इस सरकार के लिए जगदानंद सिंह तैयार नहीं थे.

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