छपरा: जय प्रकाश यूनिवर्सिटी में स्नातक सत्र 2022-25 में नामांकन की प्रक्रिया पूरी तरह क्लोज कर दी गयी है. नोडल पदाधिकारी डॉ सरफराज अहमद ने बताया कि नामांकन के लिए तृतीय मेधा सूची में 11 जनवरी की शाम तक नामांकन लेने के उपरांत कॉलेज स्तर पर नामांकन बंद हो गया. वहीं 14 जनवरी की शाम तक सभी कॉलेजों ने नामांकन लेने के बाद उसका विस्तृत ब्योरा तथा बची हुई सीटों की जानकारी भी पोर्टल पर अपडेट करा दी है.
हालांकि बची हुई सीटों पर चौथी मेधा सूची जारी करने की बात पूछे जाने पर नोडल पदाधिकारी ने कहा कि नामांकन समिति के स्तर पर तो नामांकन प्रक्रिया इस सत्र के लिए क्लोज हो चुकी है. यदि इसके बाद कुलपति निर्देशित करते हैं तो बची हुई सीटों पर नामांकन के लिए कोई व्यवस्था बनायी जा सकती है. हालांकि फिलहाल ऐसी कोई संभावना बनती नहीं दिख रही है.
विदित हो कि जुलाई-अगस्त 2022 के बीच ही नवीन सत्र में नामांकन के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू हुई थी. सितंबर के मध्य में पहली सूची जारी हुई. जिसमें 24 हजार छात्रों का नाम जारी किया गया. 20 दिनों तक चली नामांकन प्रक्रिया के दौरान पहली सूची में शामिल महज 14 हजार छात्रों ने नामांकन कराया. जिसके बाद अक्तूबर में दूसरी सूची जारी की गयी. दूसरी सूची में भी 14 हजार छात्रों का नाम मेधा अंक व कॉलेज की उपलब्धता के आधार पर प्रकाशित हुआ. जिसमें महज दस हजार ने नामांकन कराया. कुल 37 हजार सीटों पर पहली व दूसरी सूची में नामांकन क्लोज होने के बाद 24 हजार नामांकन ही हो सका था. जिसके बाद दिसंबर माह में एक बार फिर ओपेन एडमिशन के तहत अप्लाइ प्रक्रिया शुरू की गयी. जिसमें बचे हुए 13500 सीटों पर नामांकन के लिए 3700 छात्रों ने अप्लाइ किया था. जिसके बाद तीसरी सूची निकली, जिसमें महज 1800 छात्रों ने ही नामांकन कराया. ऐसे में करीब 9600 सीटें इस सत्र में भी खाली रह गयीं.
विगत दो-तीन सत्रों से नामांकन के प्रति छात्रों की रूचि घट रही है. कई प्रमुख विषयों में आवेदन करने के बाजवूद छात्र-छात्राएं एडमिशन नहीं लेते. जेपीयू में सत्रों की अनियमितता तथा उन सत्रों को अपडेट करने के लिए बार-बार कम अंतराल पर कॉलेजों में हो रही परीक्षा के कारण पढ़ाई भी बाधित हो रही है. यही कारण है कि जेपीयू में नामांकन के प्रति छात्रों का मोह भंग हुआ है. दूसरा कारण यह भी है कि जेपीयू में छपरा, सीवान व गोपालगंज के किसी भी कॉलेज में वोकेशनल कोर्स की पढ़ाई नहीं होती है. जिस कारण भी कई डिस्टेंशन मोड के विश्वविद्यालय या एनओयू आदि संस्थानों में छात्र-छात्राएं दाखिला करा ले रहे हैं.