मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कारा लिपिक (जेल क्लर्क) व मद्यनिषेष सिपाही के 1456 पदों पर नियुक्ति का फैसला लिया गया है. बैठक के बाद कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डा एस सिद्धार्थ ने बताया कि कैबिनेट द्वारा गृह विभाग द्वारा राज्य के काराओं को सुदृढ़ बनाने और कार्यों का समय पर निष्पादन के लिए 238 अतिरिक्त लिपिक पदों की मांग की गयी थी. इस पर कैबिनेट की ओर से सहमति दे दी गयी है.
इन 238 पदों में 160 निम्नवर्गीय लिपिक, 62 उच्च वर्गीय लिपिक और 16 प्रधान लिपिक के पद शामिल हैं. राज्य में कुल आठ केंद्रीय कारा, 33 मंडल कारा, 17 उप कारा और एक मुक्त कारा यानी कुल 59 कारा कार्यरत हैं. इन काराओं में लिपिकीय कार्य के लिए पहले से 139 निम्न वर्गीय लिपिक, 50 उच्च वर्गीय लिपिक और 25 प्रधान लिपिक कार्यरत हैं. इसी प्रकार से मद्य निषेध सिपाही संवर्ग के कर्मचारियों का आवासन, अनुशासन और उनका नियमित प्रशिक्षण के लिए राज्य के पांच ग्रुप सेंटरों जिसमें पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया और सहरसा की स्थापना के लिए विभिन्न कोटि के कुल 1218 पदों के सृजन की भी स्वीकृति दे दी गयी.
इसके अलावा कैबिनेट क बैठक में राज्य के अंतर्गत खनिजों के उत्पादन, परिवहन, भंडारण और अवैध खनन की रोकथाम और बेहतर प्रबंधन के साथ इ-चालान निर्गमन की प्रक्रिया को पारदर्शी व प्रभावकारी बनाने के लिए एनआसी की सेवा इंटीग्रेटेड माइनिंग मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम (आइएमएमआइएस) के विकास व पांच वर्षों तक कार्यान्वयन के लिए चार करोड़ 58 लाख 45 हजार की स्वीकृति दी गयी. कैबिनेट ने पथ निर्माण विभाग और उसके अधीनस्थ कार्यालयों में अनुपयोगी मशीनों, उपस्करों, स्क्रैप,यंत्र संयंत्र और सभी प्रकार के निष्प्रयोजन योग्य वाहन को रद्दी घोषित करते हुए मेसर्स मेटल स्क्रैप ट्रेड कॉरपोर्शन (एमएसटीसी) के माध्यम से ई-ऑक्सन द्वारा कराने की स्वीकृति दी गयी.
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