महागठबंधन की सरकार में रिडिजाइन हुई जल जीवन हरियाली मिशन योजना, 12,548 करोड़ रुपये मंजूर
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को महागठबंधन सरकार की दूसरी कैबिनेट की बैठक में ग्रामीण विकास विभाग की योजना जल जीवन हरियाली अभियान के विस्तारीकरण की स्वीकृति दी गयी. साथ ही कैबिनेट ने इस योजना के लिए 2022-23 से लेकर 2024-25 तक के लिए कुल 12,548 करोड़ 97 लाख की स्वीकृति दी.
पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को महागठबंधन सरकार की दूसरी कैबिनेट की बैठक में ग्रामीण विकास विभाग की योजना जल जीवन हरियाली अभियान के विस्तारीकरण की स्वीकृति दी गयी. साथ ही कैबिनेट ने इस योजना के लिए 2022-23 से लेकर 2024-25 तक के लिए कुल 12,548 करोड़ 97 लाख की स्वीकृति दी.
अभियान को विस्तार दिया गया
नव गठित मंत्रिमंडल की शाम साढ़े चार बजे बैठक आयोजित की गयी. कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने बताया कि कैबिनेट की ओर से रि डिजाइन कर जल जीवन हरियाली अभियान को विस्तार दिया गया है. यह योजना 2019- 20 से राज्य में चलायी जा रही है. आरंभ में इस योजना 4524 करोड़ की थी. इस योजना में अभी तक 7376 करोड़ खर्च किये गये हैं.
वर्ष 2024-25 में 3677 करोड़ खर्च किये जायेंगे
योजना के विस्तारीकरण में पूर्व से चले आ रहे घटकों को ही फिर से रि डिजाइन किया गया है. उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में 5222 करोड़, वर्ष 2023-24 में 3668 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2024-25 में 3677 करोड़ खर्च किये जायेंगे. इस योजना को नीतीश कुमार का ड्रीम मीशन माना जाता है. ताजा सर्वे में यह बात सामने आयी है कि बिहार में इसका प्रदर्शन संतोषप्रद है.
15 विभागों की है योजना जल जीवन हरियाली मिशन
15 विभागों की योजना है. इसमें लघु जल संसाधन विभाग, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, शिक्षा विभाग, पीएचइडी विभाग, कृषि विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, पंचायती राज विभाग, ऊर्जा विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, जल संसाधन विभाग, सूचना एवं जन संपर्क विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, भवन निर्माण विभाग, ग्रामीण विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग शामिल है.
कई घटकों में बेहतर काम किया गया
उन्होंने बताया कि इस योजना में कई घटकों में बेहतर काम किया गया है. जैसे दक्षिण बिहार के लिए गंगा जलापूर्ति योजना, सरकारी भवनों पर जल संचयन, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग में नये जल स्रोतों निर्माण की योजना, कृषि विभाग में वैकल्पिक फसल, वन एवं पर्यावरण विभाग में छोटे नाले और जल संचयन की योजना शामिल है.