शिव शंकर को प्रिय सावन महीने की चौथी एवं पुरुषोत्तम मास की दूसरी सोमवारी मणिकांचन योग के पुण्यकारी संयोग में सोमवार को मनायी गयी. इस दौरान शिव भक्तों ने भोले बाबा के साथ मां गौरी की भी असीम कृपा पाने के लिए पटना के विभिन्न मंदिरों में पूजा-अर्चना की.
सोमवारी के मौके पर शिवालयों में त्रिपुण्ड लगायें भक्त सुबह से जलार्पण को पहुंचने लगे थे. आज चौथी सोमवारी पर तंत्रेश्वर सदाशिव का पूजन हुआ. धार्मिक मान्यता है कि शिव के इस रूप की पूजा करने से शिव सभी प्रकार के बाधाओं को हर लेते है.
सावन मास में इस वर्ष मलमास होने की वजह से सनातन धर्मावलंबियों ने चौथी सोमवारी को भगवान शिव के साथ भगवान विष्णु की भी पूजा की. भक्तों ने पीपल के वृक्ष, सत्यनारायण प्रभु, गाय, नवग्रह, चन्द्रमा, नंदी, नाग सहित अन्य शिव गण की भी पूजा की.
सावन के चौथी सोमवारी पर केसरी नगर के अजंता कॉलोनी स्थित श्री विजय राघव मंदिर सहित खाजपुरा, बोरिंगर रोड चौराहा शिव मंदिर, बोरिंग कैनाल रोड स्थित पंचरुखी मंदिर, बांस घाट स्थित काली मंदिर, कंकड़बाग स्थित पंच मंदिर आदि को फूल माला तथा कई प्रकार के रंगीन बल्बों से सजाया गया था.
सावन की चौथी सोमवारी के अवसर पर पूरे दिन मंदिर परिसर में हर-हर महादेव, ॐ नमः शिवाय, बोल -बम की गूंज के साथ मधुर संगीत, भजन, आरती की गूंज सुनायी दे रही थी. मंदिर के पुजारी पंडित संजय तिवारी के अगुआई में शाम में शिव के साथ शिव परिवार का मनोहारी शृंगार पूजा हुआ. श्रद्धालु देर रात तक महादेव के भव्य शृंगार का दर्शन करते रहे.
सोमवारी के अवसर पर शहर के कंगन घाट पर गंगा सेवा दल समन्वय समिति की ओर से गंगा नदी में स्थापित शिवलिंग रख कर रुद्राभिषेक का अनुष्ठान किया गया. आयोजन में दर्जनों की संख्या में लोग शामिल हुए. गंगा की धारा में हो रहे अभिषेक को दर्जनों भक्तों ने दर्शन पूजन की.
सावन के चौथे सोमवार के अवसर पर गायघाट स्थित गौरीशंकर मंदिर, माल्य महादेव चैलीटाड़ और झाउगंज के पास मेला लगा था, इन स्थानों पर देर शाम तक लोगों की भीड़ मेला घूमने व विशेष शृंगार देखने के लिए जुटी थी. प्रशासन की ओर से भी मेला के दौरान विधि व्यवस्था बनाये रखने के लिए सघन गश्ती कराई गयी.
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