पटना. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मुख्यालय से राजस्व कर्मचारियों पर निगरानी होगी. उनके काम की समीक्षा और मॉनीटरिंग समय-समय पर की जायेगी. इसके लिए राजस्व कर्मचारी ऐप बनाया गया है. साथ ही सभी रैयतों की सुविधा के लिए इस ऐप से राज्य की सभी जमाबंदियों को जोड़ा जायेगा. इसके लिए रैयतों का पूरा विवरण और स्वैच्छिक आधार सीडिंग हर हाल में 30 जून तक पूरा करने की समय सीमा तय की गयी है. राज्य में फिलहाल इस समय करीब तीन करोड़ 78 लाख जमाबंदी हैं. इन सभी का डिजिटलीकरण कर दिया गया है. अब इनके सत्यापन का काम चल रहा है. इसे 15 अप्रैल ,2023 तक पूरा करने की समय सीमा है.
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने सभी समाहर्ताओं को पत्र लिखकर राजस्व कर्मचारी ऐप के इस्तेमाल की शुरुआत राजस्व कर्मचारियों द्वारा करवाने का निर्देश दिया है. अपने पत्र में उन्होंने लिखा है कि इस बारे में सभी अंचलाधिकारियों और कर्मचारियों को सूचित कर सभी कर्मचारियों को इ-म्यूटेशन वेबसाइट से राजस्व कर्मचारी ऐप डाउनलोड कर यूजर प्रोफाइल को अपडेट करवाने का निर्देश दिया है. इसके बाद आधार सीडिंग का काम शुरू करने के लिए कहा है.
प्रत्येक जमाबंदी का विवरण इस ऐप पर उपलब्ध रहने पर किसी भी जमीन के विवाद या रैयत की शिकायत पर राजस्व कर्मचारी से मुख्यालय स्तर तक के अधिकारी किसी भी समय एक क्लिक पर जमाबंदी देख सकेंगे. इससे अंचल अधिकारी से ऊपर के अधिकारियों द्वारा जमीन विवाद के निबटारे के लिए जमाबंदी पंजी मंगवाने का इंतजार नहीं किया जायेगा. इससे जमीन विवाद के मामलों में कमी आयेगी.
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सभी राजस्व कर्मचारी ऑनलाइन दाखिल- खारिज की प्रक्रिया को निष्पादित करने के लिए पहले से दिये गये यूजर आइडी का उपयोग कर अपने मोबाइल पर ओटीपी प्राप्त कर लेंगे. ओटीपी दर्ज करने के बाद मोबाइल ऐप में लॉगिन करेंगे. लॉगिन करने के बाद सबसे पहले यूजर प्रोफाइल को अपडेट कर लेंगे. इसके बाद मोबाइल ऐप के माध्यम से जमाबंदी वार आवश्यक सूचनाएं दर्ज करेंगे. संयुक्त जमाबंदी होने पर सभी जमाबंदीदारों का मोबाइल नंबर और स्वैच्छिक आधार सीडिंग की जायेगी.