बिहार : डिजिटाइजेशन में चूके जमाबंदी की होगी जांच, गड़बड़ी पाये जाने पर दोषी सीओ पर होगी कार्रवाई

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सभी जमाबंदियों का पीडीएफ अंचलाधिकारी, भूमि सुधार उपसमाहर्ता और अपर समाहर्ता के लॉगिन में उपलब्ध कराया है. संबंधित अंचलाधिकारियों को इस पीडीएफ का प्रिंट निकाल कर सभी जमाबंदी के सृजन का आधार चिह्नित कर इसे प्रिंट कॉपी पर नोट करने का निर्देश दिया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 19, 2023 4:07 AM

बिहार में डिजिटाइज किये जाने के दौरान छूटी हुई जमाबंदी की जांच होगी. इसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी पाये जाने पर संबंधित दोषी अंचलाधिकारी (सीओ) पर कार्रवाई होगी. जमाबंदी में कई तरह की शिकायतों के बाद यह निर्देश राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जारी किया है. इसके अनुसार बिना साक्ष्य वाली जमाबंदी या रैयती जमीन से अलग स्वरूप की जमीन की जमाबंदी को नियमानुसार रद्द की जायेगी. साथ ही जमाबंदी को ऑनलाइन करने वाले अंचलाधिकारी और जमाबंदी रैयत पर विधिसम्मत कार्रवाई अपर समाहर्ता द्वारा की जायेगी.

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को मिली थी शिकायत 

विभाग को कई शिकायत मिली थी कि अंचलों द्वारा बिना दाखिल-खारिज की प्रक्रिया अपनाये गलत तरीके से पुराने रजिस्टर-2 में आज भी जमाबंदी कायम की जा रही है. साथ ही इसे ऑनलाइन किये जाने के लिए छूटा हुआ बताकर ऑनलाइन किया जा रहा है. विभाग ने शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए ऐसी सभी जमाबंदियों का पीडीएफ अंचलाधिकारी, भूमि सुधार उपसमाहर्ता और अपर समाहर्ता के लॉगिन में उपलब्ध कराया है. संबंधित अंचलाधिकारियों को इस पीडीएफ का प्रिंट निकाल कर सभी जमाबंदी के सृजन का आधार चिह्नित कर इसे प्रिंट कॉपी पर नोट करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही ऐसी सभी जमाबंदियों के सभी खेसरा की जमीन का प्रकार रैयती, सरकारी, बकास्त, बेलगान आदि विवरण के साथ चिह्नित कर प्रिंट कॉपी पर अंकित करने और अपना हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया है. भूमि सुधार उप माहर्ता सभी प्रिंट कॉपी की अभिलेख से जांच कर इसे अपर समाहर्ता को भेजेंगे और अपर समाहर्ता को इसकी रिपोर्ट विभाग को देने का निर्देश दिया गया है.

3.58 करोड़ जमाबंदियां पोर्टल पर हो चुकी हैं सार्वजनिक

सूत्रों के अनुसार दिसंबर 2017 से अक्तूबर 2018 तक राज्य के सभी 534 अंचलों में लगभग 3.58 करोड़ जमाबंदियों को डिजिटाइजड कर विभाग के पोर्टल http://biharbhumi.bihar.gov.in/ पर सार्वजनिक कर दिया गया है. इसके बाद विभाग को शिकायतों और परिवाद पत्रों से मालूम हुआ कि डिजिटाइजेशन में कुछ जमाबंदियों में रैयतों के नाम, खाता, खेसरा, रकबा और लगान से संबंधित विवरणियों में अशुद्धियां रह गयी हैं. साथ ही अनेक रैयतों की जमाबंदी ऑनलाइन नहीं की जा सकी है. इसके बाद अंचल स्तर पर रैयतों की शिकायतों पर जांच के बाद सुधार किया जा रहा है.

अब तक कुल 118.79 लाख ऑनलाइन जमाबंदियों में सुधार

अब तक कुल 118.79 लाख ऑनलाइन जमाबंदियों में सुधार और 9.65 लाख डिजिटाइजेशन के लिए छूटे हुई जमाबंदियों को ऑनलाइन किया जा चुका है.

Also Read: Bihar News: पाटलिपुत्र जंक्शन जाने के लिए ऑटो किया बुक, बीच रास्ते में गोली मार लूट लिया ऑटो व लॉकेट
दोषी सीओ पर होगी कार्रवाई

भविष्य में इन छूटी हुई जमाबंदी को डिजिटाइज और ऑनलाइन करने से पहले अंचल अधिकारी को भूमि सुधार उपसमाहर्ता की अनुमति लेनी होगी. छूटी हुई जमाबंदी को ऑनलाइन करने के दौरान अगर किसी हल्का कर्मचारी की लापरवाही सामने आने पर उसकी भी जिम्मेदारी तय करके कार्रवाई की जायेगी.

Next Article

Exit mobile version