VIDEO: बिहार के जमुई में काजवे पुल के कई पाये धंसे, लोगों की पड़ी नजर तो फौरन बंद कराया गया आवागमन
बिहार में एक और पुल क्षतिग्रस्त हो गया. जमुई का बरनार काजवे पुल क्षतिग्रस्त हो गया. इसके कई पाए धंस गए. बरनार नदी पर बने इस पुल के क्षतिग्रस्त होने से बड़ी आबादी के लिए आवागमन की समस्या पैदा हो गयी है. प्रशासन की ओर से बैरिकेडिंग कर दी गयी है.
Jamui Bridge Collapse: बिहार के जमुई में सोनो प्रखंड का बेहद उपयोगी और पश्चिमी क्षेत्र की बड़ी जनसंख्या की लाइफ लाइन बरनार काजवे पुल क्षतिग्रस्त हो गया. लगातार हो रही बारिश से नदी में पानी के तेज बहाव के कारण काजवे के बीच वाले भाग के तीन से चार पाया क्षतिग्रस्त हो गया था.शुक्रवार दोपहर को ही आने जाने वाले लोग नदी के बहाव का रौद्र रूप देख आशंका जता रहे थे कि कोई अनहोनी होने वाली है. शाम होते होते काजवे का कुछ भाग धंसने लगा. मौके पर पहुंचे सीओ और थानाध्यक्ष ने वाहनों के आवागमन को रोक दिया.
सोनो प्रखंड के बेहद उपयोगी और पश्चिमी क्षेत्र की बड़ी जनसंख्या की लाइफ लाइन बरनार काजवे पुल शुक्रवार की देर शाम क्षतिग्रस्त हो गया. सुबह जब लोगों की नजर इसपर पड़ी तो सभी दंग रह गए. लगातार हो रही बारिश से नदी में पानी के तेज बहाव के कारण काजवे के बीच वाले भाग के तीन से चार पाया के क्षतिग्रस्त हो गया. जिस जगह पाया क्षतिग्रस्त हुआ है उस जगह पर काजवे एक तरफ धंसता जा रहा है. शुक्रवार की देर शाम चुरहेत के ग्रामीणों ने धंसे पुल को देख अन्य लोगों को खबर की. इसके बाद ग्रामीणों द्वारा वाहनों को आने जाने से रोकने का प्रयास किया जाने लगा. ग्रामीणों की सूचना पर अंचलाधिकारी राजेश कुमार व थानाध्यक्ष चितरंजन कुमार आनन फानन में पहुंचे और स्थिति का मुआयना किया.
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काजवे पर आवागमन पूरी तरह रोका गया
अंधेरे के कारण स्थिति के आकलन में परेशानी भी हो रही थी. इस बीच प्रशासन द्वारा काजवे के दोनों ओर बैरिकेड लगाकर काजवे पर आवागमन पूरी तरह रोक दिया गया. अनुमान लगाया जा रहा है कि यदि नदी में पानी का अत्यधिक लेवल और तेज बहाव ऐसा ही रहा, तो अगले दिन काजवे को और ज्यादा नुकसान हो सकता है. ग्रामीणों का मानना है कि बेतरतीब तरीके से नियम को ताक पर रखकर काजवे के समीप से बालू खनन किए जाने का ही यह परिणाम है. शुक्रवार दोपहर को ही आने जाने वाले लोग नदी के बहाव का रौद्र रूप देख आशंका जता रहे थे कि जिस तरह काजवे के समीप से बालू का उठाव किया गया उससे कही काजवे को कोई नुकसान न हो जाये. और शाम होते होते काजवे का कुछ भाग धंसने लगा. मौके पर पहुंचे सीओ और थानाध्यक्ष ने वाहनों के आवागमन को रोक दिया. बताते चलें कि क्षेत्र के लोगों के लंबे संघर्ष के बाद डेढ़ दशक पूर्व बना यह काजवे पुल प्रखंडवासियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है.
क्षतिग्रस्त काजवे के दोनों ओर लगायी जायेगी ईंट की दीवार
काजवे के क्षतिग्रस्त होने के बाद से ही प्रशासन और पुलिस बल वहां मौजूद रह हैं. लेकिन लोग काजवे पर जाने के प्रयास में है. बेरिकेड कारगर साबित नहीं हो रहे हैं. इक्का-दुक्का बाइक सवार जान जोखिम में डालकर क्षतिग्रस्त काजवे को पार कर रहे हैं. इन परिस्थितियों को देखते हुए सीओ राजेश कुमार व थानाध्यक्ष चितरंजन कुमार ने फैसला किया कि काजवे पर आवाजही पूरी तरह बंद करने के लिए दोनों ओर ईंट की दीवार लगायी जायेगी. पदाधिकारी द्वय ने लोगों से भी अपील की कि जबरन क्षतिग्रस्त जगह पर न जाएं.
पूर्व विधायक सावित्री देवी ने किया मुआयना
चकाई विधान सभा की पूर्व विधायक व राजद नेता सावित्री देवी शनिवार को अपने कार्यकर्ताओं के साथ क्षतिग्रस्त काजवे को देखने आयीं. उन्होने काजवे के क्षतिग्रस्त भाग का मुआयना किया और लोगों से बात की. उन्होंने स्पष्ट कहा कि संवेदक द्वारा मनमाने तरीके से नियम को ताक पर रखकर पुल के समीप से अधिक बालू उठाव करने के कारण ही पुल क्षतिग्रस्त हुआ है. वेदक के इस मनमाने रवैये पर स्थानीय वर्तमान विधायक को रोक लगवाना चाहिए था, लेकिन उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों के आंदोलन को भी नजर अंदाज किया. उन्होंने सरकार से अति शीघ्र इस काजवे को पुनः बनाने की मांग की. बालू संवेदक पर कार्रवाई करने की मांग की.
लोगों को हुई परेशानी
जिन लोगों को काजवे के क्षतिग्रस्त होने की जानकारी नहीं थी और वे इस रास्ते में आ गये थे, वे सामान को कंधे पर उठाकर काजवे पार करते देखे गये. वहीं कई महिलाएं बच्चों के साथ पैदल जाती दिखीं. कुल मिलाकर लोगों की परेशानी शुरू हो गयी है.