बिहार के लिए एक और बड़ी खुशखबरी है. जमुई में सोने और लोहे के बाद कोयले का भंडार मिलने का दावा किया गया है. बताया जा रहा है कि यहां जलापूर्ति व्यवस्था के लिए सरकारी डीप बोरिंग का काम चल रही था. बोरिंग में 50 फीट नीचे जाने के बाद कोयले का अंश मिलने लगा. कोयला निकलने के बाद ग्रामीण और स्थानीय प्रशासन भी हैरान रह गया. इसे लेकर भूत्व विभाग के भी जानकारी दी जा रही है. साथ ही प्रशासन भी अलर्ट हो गयी है.
बताया जा रहा है कि जमुई के बरहट प्रखंड के भट्ठा गांव में लोगों के पीने की पानी के समस्या का समाधान करने के लिए पीएचडी विभाग के द्वारा बोरिंग का काम शुरु किया गया था. स्थानीय लोगों ने बताया कि पहले सामान्य मिट्टी और पानी आ रहा था. बोरिंग मशीन से की जा रही थी. ऐसे में डीप जाते ही मिट्टी काली हो गयी. फिर बोरिंग के मैटेरियल में कोयले का अंश मिलने लगा. इसके बाद काम को रोककर प्रशासन को खबर दी गयी. लोगों ने बताया कि पहले सोना और लोहा मिलने के कारण गांव में कोयला मिलने की संभावना ले लोग उत्साहित हैं.
ग्रामीणों ने बताया कि पहले गांव में डीप बोरिंग नहीं हुआ करती थी. मगर हाल के दिनों में लोगों ने डीप बोरिंग शुरु कर दी है. 50 फीट से ज्यादा की बोरिंग होने पर कई लोगों ने काली मिट्टी और काला पत्थर मिलने की बात की है. भट्टा गांव के सादे कोड़ा ने बताया कि गांव में जब भी चापानल के लिए बोरिंग हुआ तब यही देखने को मिला है. 40 से 50 फीट की गहराई से कोयला मिलना शुरू हो जाता है. ग्रामीणों का कहना है कि बोरिंग में निकलने वाला काला पत्थर कोयला ही है क्योंकि वो जलाने पर कोयले की तरह ही जलता है.