जमुई. पुलिसिंग के लाख दावे के वाबजूद जमुई जिले में आपराधिक घटनाएं चरम पर हैं. बीते वर्ष की तुलना में इस साल अबतक (जून माह तक के आंकड़ों के अनुसार) जिले में संज्ञेय अपराध की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. बीते साल की तुलना में 2022 में ये मामले 16.32 फीसद तक बढ़े हैं. इतना ही नहीं जमुई जिला संप्रदायिक हिंसा की घटनाओं के मामले में राज्य में आठवें स्थान पर पहुंच गया है.
पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी क्राइम स्टेटिस्टिक्स के अनुसार इस वर्ष अबतक जमुई जिले में सांप्रदायिक हिंसा या उससे जुड़े समान धाराओं वाले अपराध के 79 मामले दर्ज हुए हैं. जबकि इससे अधिक मामले केवल पटना, नालंदा, भोजपुर, बक्सर, रोहतास, मोतिहारी और गया में सामने आये हैं. वहीं अगर बात करें तो जमुई जिले में चोरी की घटनाओं ने भी लोगों की नींद उड़ाई है. जमुई जिले में इन छह माह में चोरी के 166 वारदात सामने आए हैं. पूर्वी रेंज में शामिल मुंगेर, शेखपुरा, लखीसराय जिलों की तुलना में जमुई में ये मामले सर्वाधिक हैं.
आंकड़ो पर गौर करें तो जिले में जिस हिसाब से अपराध का ग्राफ ऊपर आया है ये निश्चय ही लोगों के लिए चिंता का विषय है. बीते छह माह में जिले में अब तक 2108 संज्ञेय अपराध दर्ज किए हैं. इस हिसाब से जिले में प्रतिमाह 351 घटनाएं घटित हुई हैं. और अगर यही क्रम बरकरार रहा तो दिसंबर माह तक यह आंकड़ा 42 सौ के पार चला जाएगा. बीते साल 2021 में कुल 3643 मामले सामने आए थे, और इस साल का आंकड़ा 2021 के आंकड़े से 16.32 फीसद अधिक है.
बता दे कि वर्ष 2018 से जिले में अपराध में पुनः तेजी आई है. इसके पूर्व वर्ष 2016 में जिले में 2423 संज्ञेय अपराध के मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2017 में 2997 संज्ञेय अपराध के मामले दर्ज हुए हैं. 2018 में इसमें जबरदस्त उछाल देखने को मिला और जिले में संज्ञेय अपराध की संख्या 3807 पहुंच गई. और अब इस साल इसमें और तेजी देखने को मिल रही है. 2021 के पहले छह माह में 1761 संज्ञेय अपराध के मामले सामने आए थे इस वर्ष यह संख्या 2108 पहुंच गई है.