जमुई में अनियंत्रित ट्रैक्टर पलटने से युवक की मौत, घर का था इकलौता चिराग, परिजनों में मचा कोहराम…
Jamui Road Accident: गिद्धौर जमुई मुख्य राजमार्ग पर गंगरा मोड़ के कर्बला के निकट सड़क दुर्घटना के कारण बंझुलिया गांव निवासी गणपत रावत के 20 वर्षीय पुत्र सचिन कुमार की मौत हो गई. घटनास्थल पर ग्रामीणों ने शव को मुख्य मार्ग पर रखकर बड़े मुआवजे की मांग करते हुए सड़क जाम कर दिया.
Jamui Road Accident: गिद्धौर जमुई मुख्य राजमार्ग पर गंगरा मोड़ के कर्बला के निकट सड़क दुर्घटना के कारण बंझुलिया गांव निवासी गणपत रावत के 20 वर्षीय पुत्र सचिन कुमार की मौत हो गई. घटना स्थल पर ग्रामीणों ने शव को मुख्य मार्ग पर रखकर बड़े मुआवजे की मांग करते हुए एक घंटे तक सड़क जाम कर दिया.
जानकारी के अनुसार थाना क्षेत्र के पतसंडा पंचायत अंतर्गत पड़ने वाले बंझुलिया गांव निवासी गणपत रावत के इकलौते पुत्र 20 वर्षीय सचिन कुमार की तेज रफ्तार रफ्तार से आ रहे ट्रैक्टर वाहन के अनियंत्रित होकर पलट जाने के कारण चपेट में आने से मौत हो गई.
इलाज हेतु पटना ले जाने के क्रम में तोड़ा दम
घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों द्वारा परिजनों को इसकी सूचना मिलते ही परिजनों द्वारा दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल सचिन कुमार को इलाज हेतु दिग्विजय सिंह समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गिद्धौर लाया गया. जहां चिकित्सक द्वारा प्राथमिक उपचार हेतु घायल की गंभीर स्थिति को देखते हुए सदर अस्पताल जमुई रेफर कर दिया गया. परिजनों ने बताया कि सदर अस्पताल से पटना इलाज हेतु ले जाने के क्रम में रास्ते में ही उसकी मौत हो गई.
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मुआवजे की मांग को लेकर आक्रोशितों ने किया सड़क जाम
इधर घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों एवं आक्रोशित परिजनों द्वारा मुआवजे की मांग को लेकर एक घंटे तक मुख्य राजमार्ग को जाम कर दिया गया. मौके पर पहुंची पुलिस द्वारा समझा बुझाकर आक्रोशित लोगों को सड़क से हटाया गया. बता दें कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा भी परिजनों को हरसंभव मदद करने की बात कही गई.
बहने बोलीं अब किसके कलाई पर बांधेंगी राखी
वहीं घटना की सूचना मिलते हीं पीड़ित परिजनों के चित्कार से पूरा इलाका गमगीन हो गया. इस घटना के बाद से मां उषा देवी, पिता गणपत रावत, एवं बहनों ने अपने घर के इकलौते चिराग के मौत से बेसुध हो दहाड़ मारकर रो रही थीं.
वहीं चार बहनों के बीच इकलौते भाई के रक्षाबंधन पर्व के मौके पर हमेशा हमेशा के लिए खो देने से सभी बहने गमगीन हैं. बस उनके आंखों से बरस रहे हैं. ढांढस बढ़ाने आने वाले लोग भी परिजनों को देख गमगीन हो का रहे थे. लोगों की आंखों में आसूं आ जा रहे थे. वहीं कई ग्रामीणों का कहना था की पिता के बुढ़ापे का सहारा अब कौन बनेगा.
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