खैरा-जमुई सड़क बदहाल

हादसे का डर. सड़क पर जगह-जगह बने हैं गड्ढे सड़क पर जगह-जगह गड्ढे बन जाने के कारण इस पर सफर करना मुसीबत मोल लेने के समान है. खैरा : जमुई-खैरा मुख्य सड़क पर यात्रा करना अब लोगों के लिए मुसीबत के समान है. दरअसल हालिया दिनों में सड़क का स्थान गड्ढों ने ले लिया है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 18, 2017 5:34 AM

हादसे का डर. सड़क पर जगह-जगह बने हैं गड्ढे

सड़क पर जगह-जगह गड्ढे बन जाने के कारण इस पर सफर करना मुसीबत मोल लेने के समान है.
खैरा : जमुई-खैरा मुख्य सड़क पर यात्रा करना अब लोगों के लिए मुसीबत के समान है. दरअसल हालिया दिनों में सड़क का स्थान गड्ढों ने ले लिया है. नतीजतन जर्जर हो चुकी इस मुख्य सड़क पर सड़क हादसा होना आम बात हो गयी है. इसके बावजूद भी सड़क पर बने गड्ढे को भरने की दिशा में कोई विभागीय कदम नहीं उठाया जा रहा है.
बताते चलें कि हाइस्कूल मोड़ से लेकर सिंगारपुर तक सड़क की हालत इस कदर जर्जर है कि यह पता नहीं चलता है कि सड़क में गड्ढा है या गड्ढे में सड़क. सड़क की जर्जर हालत को लेकर कई दफा लोगों ने सड़क जाम भी कर इसे दुरूस्त करवाने की मांग की जिसके बाद प्रशासन द्वारा आनन-फानन में गढ्ढे को भर दिया गया लेकिन गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं होने के चलते स्थिति पूर्व की तरह यथावत बन गयी है. स्थानीय लोगों ने प्रशासन से सड़क की मरम्मत कराने की मांग की है.
कब शुरू होगा मरम्मती का कार्यबताते चलें कि उक्त सड़क को बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय राजमार्ग में तब्दील कर दिया गया था. जिसके बाद से सड़क का बुरा वक्त शुरू हो गया. राजनैतिक प्रतिबद्धता में राज्य सरकार की सड़क सेतु मंत्रालय ने अपना मुंह मोड़ लिया तथा सड़क की मरम्मती का काम नहीं करवाया. एनएचआइ भी सालों बीत जाने के बाद अब तक सड़क निर्माण कार्य शुरू नहीं करवाया है. इस बाबत एक स्थानीय लोगों ने पत्र लिखकर प्रधानमंत्री कार्यालय से सड़क निर्माण संबंधी मांग की थी. जवाब में भारत सरकार के सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने पत्रांक आरडब्ल्यू/एनएच/12037/97/2015/बीआर/पी-3 के माध्यम से यह जवाब दिया कि आगामी 2017-18 वित्तीय वर्ष के शुरू होते ही कार्य शुरू हो जायेगा परंतु सच्चाई वायदों से कोसों दूर नजर आती दिख रही है. बहरहाल प्रशासन की मजबूरियां चाहे जो भी हो, यात्रियों को आए दिन परेशानियों का सामना कर पड़ रहा है.
भारी वाहनों का होता है दबाव : बताते चलें कि उक्त सड़क के जमुई-देवघर मार्ग का हिस्सा होने के कारण वाहनों का भारी दबाव होता है. नारियाना पुल के क्षतिग्रस्त हो जाने के उपरांत वाहनों का दबाब थोड़ा कम हुआ है. परंतु आगामी बरसात के मौसम को देखते हुए यह कहना लाजमी हो गया है कि श्रावणी मेले में जाने वाले वाहन चालकों को भी फजीहत उठानी पड़ेगी. उक्त मार्ग पर नियमित यात्रा करने वाले वाहनों का भी सही तरीके से चलना दुभर हो जायेगा.

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