नक्सलियों का अब क्या होगा अगला कदम
जमुई : जमुई-खड़गपुर सीमावर्ती जंगलों में रविवार को पुलिस नक्सली मुठभेड़ में नक्सली संगठन को बड़ी क्षति पहुंची है. उसके बाद से ही यह सवाल उठने लगा है कि नक्सलियों का अगला टारगेट क्या होगा. सर्व विदित है कि जब-जब नक्सली संगठन को क्षति पहुंची है तब-तब नक्सलियों ने उसका बदला लिया है. ऐसे में […]
जमुई : जमुई-खड़गपुर सीमावर्ती जंगलों में रविवार को पुलिस नक्सली मुठभेड़ में नक्सली संगठन को बड़ी क्षति पहुंची है. उसके बाद से ही यह सवाल उठने लगा है कि नक्सलियों का अगला टारगेट क्या होगा. सर्व विदित है कि जब-जब नक्सली संगठन को क्षति पहुंची है तब-तब नक्सलियों ने उसका बदला लिया है. ऐसे में यह कहना मुश्किल होगा कि नक्सलियों का अगला निशाना क्या होगा. नक्सली संगठन की कार्यशैली पर नजर डाली जाए तो यह समझा जा सकता है कि नक्सली सरकारी भवन तथा रेलवे पर निशाना साधते रहे हैं.
रेल, टावर व सरकारी भवन रहा है नक्सलियों का मुख्य निशाना
बताते चले कि नक्सलियों की पहली पसंद रेलवे, टेलीफोन टावर तथा सरकारी भवन रहा है. जब भी नक्सली संगठन किसी वारदात को अंजाम देता है तो रेलवे तथा सरकारी भवन को क्षति अवश्य पहुंचाता है. ऐसे में आने वाले दिनों में नक्सली अपना अगला निशाना किस ओर साधता है यह सवाल बना हुआ है. बताते चले कि बीते 28 और 29 मई को नक्सली संगठन ने बंदी की घोषणा की थी. इस दौरान जमुई, बांका, लखीसराय, नवादा व गिरीडीह में दो दिनों की नक्सली बंदी रही थी.
बंदी के दौरान भी नक्सलियों ने लक्ष्मीपुर थाना अंतर्गत आनंदपुर गांव में मोबाइल टावर को आग के हवाले कर दिया था व इस दौरान नक्सलियों ने एक घंटे तक जम कर तांडव मचाया था. बंदी के दूसरे दिन चरकापत्थर थाना क्षेत्र के महेश्वरी पंचायत अंतर्गत बोथा गांव स्थित मोबाइल टावर को निशाना बनाते हुए उसे भी जला दिया था. ऐसे में यह कहना उचित होगा कि आने वाले दिनों में उक्त घटना के प्रतिशोध में नक्सलियों द्वारा किसी और घटना को अंजाम दिया जा सकता है. हालांकि प्रशासनिक चुस्ती के कारण लगातार नक्सलियों के मनसूबा पर पानी फिरता जा रहा है.