हिलाहवाली से तो नहीं बुझेगी प्यास

विभाग के पास न तो कर्मी हैं और न ही कोई अन्य संसाधन. इससे चापाकल मरम्मत करने व गाड़ने में भी काफी परेशानी होती है. इस उदासीनता के कारण लोगों को प्यासा रहना पड़ रहा है. जमुई : जिला मुख्यालय स्थित पीएचइडी का कार्यालय संसाधनों और कर्मियों की कमी के कारण लोगों की प्यास बुझाने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 19, 2017 12:46 PM
विभाग के पास न तो कर्मी हैं और न ही कोई अन्य संसाधन. इससे चापाकल मरम्मत करने व गाड़ने में भी काफी परेशानी होती है. इस उदासीनता के कारण लोगों को प्यासा रहना पड़ रहा है.
जमुई : जिला मुख्यालय स्थित पीएचइडी का कार्यालय संसाधनों और कर्मियों की कमी के कारण लोगों की प्यास बुझाने में अक्षम साबित हो रहा है. विभाग के पास न तो कर्मी हैं और न ही कोई अन्य संसाधन हैं.
इससे चापाकल मरम्मत करने और गाड़ने में भी काफी परेशानी होती है. वर्तमान समय में विभाग के पास मात्र खैरा और जमुई में स्थायी रूप से कनीय अभियंता कार्यरत हैं. बांकी सोनो, झाझा, गिद्धौर, अलीगंज, चकाई और बरहट में अनुबंध पर नियुक्त कनीय अभियंता कार्य कर रहे हैं. इसके अलावे लक्ष्मीपुर और खैरा में कनीय अभियंता का पद रिक्त पड़ा हुआ है. साथ ही कार्य निरीक्षक के 7 पद के विरुद्ध मात्र 2, चापाकल मिस्त्री के 24 पद के विरुद्ध मात्र 9 व चापाकल खलासी सह हेल्पर के 27 पद के विरुद्ध मात्र 20 कार्यरत हैं. विभाग के भंडार गृह में भी चापाकल मरम्मत के लिए सामान का भी अभाव है. विभागीय कर्मियों की मानें तो संसाधनों और कर्मियों की कमी के कारण ससमय चापाकल को दुरुस्त करने या उखाड़ गाड़ करने में भी काफी परेशानी होती है. इसके अलावे निम्नवर्गीय लिपिक के 9 पद, वरीय लेखा लिपिक के सभी 2 पद, प्राक्कलक तथा लेखापाल का पद भी खाली है.
कहते हैं कार्यपालक अभियंता
इस बाबत पूछे जाने पर पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता बिंदुभूषण ने बताया कि विभाग को पत्र भेज कर कर्मियों की मांग की गयी है. लेकिन विभाग द्वारा अभी तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है.
किन-किन योजनाओं का हो रहा संचालन
विभाग द्वारा मुख्यमंत्री पेय जल निश्चय योजना के तहत फ्लोराइड प्रभावित 200 क्षेत्रों में हर घर नल का जल पहुंचाने के लिए 39-39 लाख की लागत से सभी चिह्नित जगहों पर पांच पांच हजार लीटर का दो पक्का पानी टंकी बनवाया जा रहा है.
इसके अलावे मोटर के रखरखाव और संचालन के लिए एक एक कमरा का निर्माण करा कर जल शोधन संयंत्र भी लगाया जायेगा. इसके अलावे 1200 से 1300 मीटर तक प्रत्येक क्षेत्र में पाइप बिछा कर लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जायेगा. इसके अलावे गिद्धौर बाजार में एक लाख गैलन क्षमता वाला पानी टंकी का निर्माण करा कर और 8.5 किलोमीटर पाइप बिछाकर पेयजलापूर्ति प्रारंभ कर दी गयी है.
इसके अलावे वर्तमान समय में विभाग द्वारा 50 मिनी पेयजलापूर्ति योजना और 14 पेयजलापूर्ति योजना का संचालन किया जा रहा है. विभाग द्वारा लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए कुल 27 हजार 400 चापाकल लगाये गये हैं. जिसमें से 4600 चापाकल खराब पड़े हुए हैं. मोटे तौर पर यह कहा जा सकता है कि लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने में अक्षम साबित हो रहा है.

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