दशहरा में भी जिले में ब्लैक आउट की स्थिति
हद है . शहर में काल बनकर झूल रहे हैं नंगे तार, अघोषित कटौती पर नहीं लग रहा लगामप्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरीआजाद भारत में मुगलों ने मांगी भीख, अंग्रेजों ने 29 बेटों और पोतों का किया था कत्लमुगलकाल में ‘जजिया’ के अलावा देने पड़ते थे और भी कई प्रकार के टैक्स, क्या जानते हैं […]
हद है . शहर में काल बनकर झूल रहे हैं नंगे तार, अघोषित कटौती पर नहीं लग रहा लगाम
बिजली की अनियमित आपूर्ति व विभाग की लापरवाही के कारण जिले में बिजली की स्थिति दयनीय हो गयी है.
जमुई : बातें तो सूबे में अनवरत बिजली आपूर्ति की गयी थी. शहर में 22 और गांव में 18 घंटे आपूर्ति की बात कही गयी थी. काम शुरू हुआ और उसका असर भी धरातल पर देखने को मिलने लगा. पर समय गुजरने के साथ ही जिले के विद्युत विभाग की लापरवाही से सभी वायदे टांय-टांय फिस्स हो गये. विभाग के अधिकारियों की लापरवाही भी ऐसी की विद्युत विभाग के सभी वायदों की तिलांजलि दे दी है. अब फिलवक्त आलम यह है कि जिले कब ब्लैक-आउट हो जाये, कब लगातार बिजली गायब हो जाये कोई नहीं कह सकता.
स्थिति यहीं तक नहीं रहती अगर बिजली गायब होने के बाद आप इसके पीछे की वजह जानने हेतु संबंधित पदाधिकारी को फोन करेंगे तो वह आपको कुछ भी बताने से गुरेज करेंगे. इसके अलावे जमुई शहर की स्थिति भी इन दिनों बदतर हो चली है. अगर आप जिला मुख्यालय के सघन बस्तियों से गुजर रहे हैं, तो थोड़ा सावधान रहना होगा. कभी भी और कहीं भी आपके उपर बिजली की तार गिर सकता है व आपकी जान जा सकती है. कारण कि शहर के अधिकांश मोहल्लों में जर्जर तार मौत बन कर सर पर नाच रही हैं.
शहर ही नहीं ग्रामीण इलाके भी जर्जर तार से अछूते नहीं हैं. लेकिन आलम यह है कि विभाग इसके प्रति गंभीर नहीं है. शहर के प्रमुख बाजारों से काफी तेज प्रवाह वाले बिजली के तार गुजरे हैं, जो पूरी तरह नंगे हैं. जिससे कभी भी दुर्घटना का खतरा सदैव बना रहता है. यह नजारा केवल बाजारों में ही नहीं, बल्कि आवासीय इलाके में भी है. इस तरह जर्जर तार उपभोक्ताओं के लिए काल बना हुआ है. स्थिति यह है कि पूरे शहर में कहीं-कहीं ही बिजली के तार कवर में नजर आते हैं.
कोई उपभोक्ता बिजली के इन जर्जर तारों को अपने मकान या दुकान से हटाने के लिए विद्युत विभाग के अधिकारी को कहते हैं, तो वे अनसुनी कर देते हैं. परेशानी तब होती है, जब बरसात आती है. जर्जर तार का सम्पर्क बिजली के खंभे में आता है जिससे बड़ी दुर्घटना होने की आशंका प्रबल हो जाती है.
बिना गार्ड वायर के खतरा बने हाइटेंशन तार
जर्जर तार की समस्या है से जिले के लोग परेशान हैं ही. वहीं सघन बस्तियों से हाइ टेंशन तार गुजरी है. हाइ टेंशन तार के स्पार्क के कारण कई बार आग भी लगती हैं. लेकिन विभाग इन बस्तियों से गुजरने वाले हाइ टेंशन तारों से बचने के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाता है.बिजली विभाग नंगे तारों के जंजाल से लोगों के घरों में बिजली पहुंचा रहा है.
अधिकतर स्थानों पर हाइटेंशन के खुले तार लोगों के घरों से सटकर गुजर रहे हैं. महानगर के विभिन्न मोहल्लों में लगे कई ट्रासफार्मर मौत को दावत दे रहे हैं. मानक के विपरीत खुले तारों को बिना एबीसी (एरियल बंच कंडक्टर) के ही लगा दिया गया है, जिससे बिजली चोरों को कटिया लगाने में सफलता मिल जाती है। लेकिन सुरक्षा के हिसाब से उसका रहना जरूरी है. शहर के अंदरूनी हिस्से महाराजगंज, थाना चौक, महिसौड़ी, पुरानी बाजार, भछियार आदि में लोगों के दुकानों और घरों से सटकर घरेलू और हाइटेंशन तार खुले में गुजरी हैं. इसके अलावा दर्जनों स्थानों पर तारों का जंजाल ऐसा फैला है कि फाल्ट होने पर उसे तब तक खोजा नहीं जा सकता, जब तक सभी कनेक्शन अलग न कर दिया जाय.
अब तो लापरवाही की हद हो रही, बढ़ रहा आक्रोश
कहते हैं विभाग के अधिकारी जनता की सेवा के लिए बहाल होते हैं परंतु इन दिनों जिले में बिजली विभाग के अधिकारी एक अलग ही दुनिया में जी रहे है. जहां आम लोगों को तुच्छ नजर से देखा जाता है. आलम यह है कि यहां कब बिजली गायब हो जाये कुछ कह नहीं जा सकता. एक और जहां सरकार सूबे में अनवरत बिजली व्यवस्था बहाल करने की बात कहती है. तो वहीं दूसरी और विभागीय कमजोरी के कारण लोगों को पाषाण युग की तरफ लौटना पड़ता है. अब इसे विभागीय कमजोरी कहें
अधिकारियों की लापरवाही, इसका दंश जिले वासियों को झेलना पड़ रहा है. जिले में बिजली विभाग के ढुलमुल रवैया के कारण स्थिति इतनी नामाकूल हो जाती है कि लोगों को लालटेन और मोमबत्ती का सहारा लेना पड़ता है. बिजली विभाग के गैर जिम्मेदाराना व्यवहार की वजह से एक ही महीने में चार बार लंबे समय के लिए विद्युत आपूर्ति बाधित रही थी.
जिस वजह से जिले वासियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा था. सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां लोग बिजली के नहीं होने की वजह से लालटेन और मोमबत्ती का सहारा लेते दिखे तो वही शहरों में लोगों को अपने दैनिक कार्यों को करने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. शहर के कई घरों में पानी की किल्लत का भी सामना करना पड़ा. एक तरफ सरकार जहां चौबीस घंटे बिजली का वायदा करती है वहीं दूसरी तरफ विभागीय अधिकारियों के मनमानीपूर्ण रवैया के कारण लोग क्षुब्ध हो रहे हैं और विभाग के खिलाफ ग्रामीणों का रोष बढ़ता जा रहा है. इस बाबत पूछे जाने पर कार्यपालक अभियंता सुबोध कुमार ने बताया कि फाल्ट के कारण विद्युत आपूर्ति बाधित रही. जिसे देर रात बनाया जा सका. और पुनः विद्युत आपूर्ति बहाल किया जा सका.
त्योहार में लोगों को लग रहा झटका
जिले में बिजली की आंख मिचौली से लोग परेशान हैं. जिले में कब बिजली आएगी और कब कटेगी इसका कोई समय सारणी नहीं है. ऐसे में अनियमित विद्युत आपूर्ति ने लोगों का जीना हराम कर दिया है. परंतु जिम्मेदार अधिकारी कुछ भी कहने से परहेज कर रहे हैं. हालांकि यह स्थित जिले में लगातार बनी हुई है. कभी ग्रीड से बिजली आपूर्ति ठप हो जाती है तो कभी आपूर्ति लाइन में फाल्ट होने के कारण बिजली गायब हो जाती है. लोग जिले की बदहाल विद्युत व्यवस्था से परेशान हैं.
त्योहारों के बीच गर्मी के मौसम में भी लोगों को बिजली नहीं मिलने से परेशानी और भी बढ़ गई है. कभी-कभी लोग बिजली नहीं रहने के कारण पूरी रात रतजगा कर बीता रहें हैं. वहीं विद्युत आधारित व्यवसाय से जुड़े लोगों को कई प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
कई घटनाएं होने के बाद भी नहीं चेत रहा विभाग
विभागीय उदासीनता के कारण सुरक्षा मानकों की अनदेखी करने और जर्जर लाइनों के कारण बिजली व्यवस्था जानलेवा साबित हो रही है. यह तो कुदरत की करिश्माई ताकत का नतीजा है कि अभी तक कोई इंसान इसकी चपेट में नहीं आया. वरना विभागीय लापरवाही की कीमत लोगों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ती. हालांकि विद्युत तार की चपेट में आकर एक व्यक्ति और दर्जनों मवेशियों की मौत हो गयी है. जिससे मवेशी पलकों को माली नुकसान का सामना करना पड़ा है. लेकिन इस ओर विभागीय जिम्मेदार बेखबर बने हुए है. आए दिन कहीं न कहीं किसी न किसी की जान चली जाती है. जिले में विद्युत आपूर्ति बिछाई गई लाइनों में जर्जर हो जाने से उनके टूट कर गिरने और लटक जाने से आए दिन घटनाएं हो रही हैं. विभाग की ओर से इन जर्जर लाइनों पर समय-समय पर अनुरक्षण कराके उनको दुरुस्त कराया जाना चाहिए. इसके साथ ही जांच विद्युत सुरक्षा निदेशालय की ओर से अनुश्रवण कराने के उपरांत उनको ऊर्जीकृत किया जाना चाहिए, ताकि कोई भी अप्रिय घटना न घटे. लेकिन जिले के अधिकतर क्षेत्रों में पड़ी विद्युत लाइनें जर्जर हो चुकी हैं. लाइनों के जर्जर होने के साथ उनमें कसाव भी कम हो गया है. इससे वह काफी नीचे तक लटक आती हैं जो हादसे का कारण बन रही है.