नियम को ताक पर रख ठेले पर बिक रहे प्रदूषित खाना

जमुई : अगर आप भोजन की तलाश में है और सड़क किनारे लगे ठेला-खोमचा में खाना खा रहे हैं तो एक और बार सोच लें. कहीं ऐसा न हो कि आप इन्हें खाने के बाद बीमार हो जाएं. शहर स्थित अधिकतर होटल या ठेला-खोमचा हर जगह नियमों को ताक पर रखकर भोजन बनाने का काम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 10, 2017 12:08 PM
जमुई : अगर आप भोजन की तलाश में है और सड़क किनारे लगे ठेला-खोमचा में खाना खा रहे हैं तो एक और बार सोच लें. कहीं ऐसा न हो कि आप इन्हें खाने के बाद बीमार हो जाएं. शहर स्थित अधिकतर होटल या ठेला-खोमचा हर जगह नियमों को ताक पर रखकर भोजन बनाने का काम किया जा रहा है.
इसका सबसे बड़ा कारण है खाद्य सुरक्षा विभाग की लापरवाही. इन जगहों पर छापेमारी नहीं होनेके कारण गंदा और मिलावटी खाना ग्राहकों को परोसा जा रहा है. फूड सेफ्टी विभाग की लापरवाही से लोग बीमारी की चपेट में आ रहे हैं.
लापरवाह खाद्य सुरक्षा विभाग: जिले में खाद्य सुरक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही देखने को मिलती है. सड़क किनारे बेचे जा रहे जहर को लेकर कभी भी खाद्य सुरक्षा विभाग के द्वारा छापेमारी अभियान नहीं चलाया जाता है.
बताते चलें कि जिले की आबादी 15 लाख से भी अधिक है. ऐसे में बहुत लोग ऐसे हैं जो प्रतिदिन अपने व्यक्तिगत कार्यों को लेकर शहर आते हैं. भूख लगने पर इन ठेला खोमचा पर खाना खाते हैं और बीमार होते हैं. स्थिति यह हो गयी है कि जिले में कभी भी खाद्य सुरक्षा अधिनियम को लेकर समीक्षात्मक बैठक तक नहीं की जाती है. न ही कभी खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी सड़कों पर छापेमारी करते नजर आते हैं. जिस वजह से ऐसे व्यापारी लगातार फल फूल रहे हैं.
फूड प्वाइजनिंग के शिकार हो रहे लोग
सड़क किनारे ऐसा खाना खाने से लोग फूड प्वाइजनिंग के शिकार हो रहे हैं. प्रतिदिन सदर अस्पताल में फूड प्वाइजनिंग के शिकार मरीज देखने को मिल जाते हैं. जिन्हें दस्त, उल्टी, पेट दर्द, जी मिचलाने आदि की शिकायतों के बाद अस्पताल में भर्ती कराया जाता है.
जिसका प्रमुख कारण सड़क किनारे बिक रहा यह गंदगी युक्त खाना ही होता है. बताते चलें कि ऐसे कारोबारियों पर नकेल लगाने के लिए खाद्य सुरक्षा अधिनियम भी बनाया गया है और उसे लागू भी किया गया है. परंतु उसका असर जिले में होता नहीं दिख रहा जो. अपने आप में विकराल समस्या बनती जा रही है.

Next Article

Exit mobile version