सात अनुदेशकों के भरोसे है 388 छात्रों की पढ़ाई
जमुई : जिला मुख्यालय से लगभग तीन किलोमीटर दूर इंदपै गांव के समीप स्थित जमुई आइटीआइ शिक्षकों की कमी से जुझ रहा है और शिक्षकों की कमी के कारण छात्रों को अपना कोर्स पूरा करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. वर्तमान समय में जमुई आइटीआइ कालेज में मात्र तीन नियमित अनुदेशक […]
जमुई : जिला मुख्यालय से लगभग तीन किलोमीटर दूर इंदपै गांव के समीप स्थित जमुई आइटीआइ शिक्षकों की कमी से जुझ रहा है और शिक्षकों की कमी के कारण छात्रों को अपना कोर्स पूरा करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. वर्तमान समय में जमुई आइटीआइ कालेज में मात्र तीन नियमित अनुदेशक के भरोसे ही कालेज में नामांकित छात्र छात्राओं को सात ट्रेड की पढाई होती है.
जो छात्र छात्राओं के लिए काफी परेशानी का सबब बना हुआ है.वर्तमान समय में जमुई आइटीआइ में इलेक्ट्रिशियन, फीटर, एमआर एंड एसी, आइसीटीएसएम, मैकेनिक डीजल, वेल्डर व इलेक्ट्रोनिकस मैकेनिक्स की पढाई होती है. इलेक्ट्रिशियन ट्रेड में 21, फीटर में 21 आइसीटीएसएम में 21, एमआर एंड एसी में 21, मैकेनिक डीजल में 42, वेल्डर में 32 तथा इलेक्ट्रोनिकस मैकेनिक्स में 21 छात्र नामांकित हैं. लेकिन अनुदेशकों की कमी के कारण कालेज में नामांकित छात्र छात्राओं के पठन पाठन पर ग्रहण लग रहा है.इसके अलावे कालेज कार्यालय में भी कर्मियों की भारी किल्लत है. जिसके कारण छात्र छात्राओं के कार्यों के निष्पादन में भी काफी मुश्किल आती है. वर्तमान समय में दो मुख्य अनुदेशक, एक उच्चवर्गीय लिपिक, एक निम्नवर्गीय लिपिक कार्यरत हैं.
वहीं इसी परिसर में वर्ष 2016 से संचालित महिला आइटीआइ की हालत भी कुछ इसी तरह है. महिला आइटीआइ में संचालित सभी चार ट्रेड की पढाई अनुबंध पर कार्यरत अनुदेशकों के भरोसे होती है. जिसके कारण इस कालेज में नामांकित 84 छात्राओं को पठन पाठन में काफी दिक्कत होती है. यहीं हालत इसी परिसर में वर्ष 2016 से संचालित गिद्धौर आइटीआइ की है. गिद्धौर आइटीआइ में इलेक्ट्रिशियन, फीटर, ड्राफ्ट मैन सिविल, आईसीटीएशन और इलेक्ट्रोनिक्स मैकेनिक की पढाई अनुबंध पर नियुक्त अनुदेशक के भरोसे होती है. वर्तमान समय में तीनों कालेज में नामांकित कुल 388 छात्र छात्राओं के लिए अनुदेशक की कमी पठन पाठन में बहुत बड़ी बाधक बन रही है. जिसके कारण कालेज में नामांकित छात्र छात्राओं के लिए तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने का सपना दिवास्वप्न बनता जा रहा है.