जमुई: नगर क्षेत्र समेत पूरे जिले में संचालित निजी आइटीआइ कॉलेज में से अधिकांश कॉलेज में सरकारी मानक के अनुसार कोई व्यवस्था नहीं है. जिसके कारण इन कॉलेजों में अध्ययनरत छात्र छात्राओं को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. छात्र छात्राओं की माने तो कई आइटीआइ कॉलेज में शिक्षकों की भी ट्रेडवार काफी कमी है. जो अध्ययनरत छात्र छात्राओं के लिए बहुत बड़ी परेशानी का सबब बना हुआ है. कुछ आइटीआइ कॉलेजों के पास तो ट्रेड के हिसाब से सुसज्जित वर्कशॉप भी नहीं है. कार्यालय के नाम पर महज एक छोटा सा कमरा है जिसमें कुछ कर्मियों के बैठने की व्यवस्था है. इसके अलावा ना तो स्टाफ रुम है और ना ही पुस्तकालय है. साथ ही डिस्पेंशनरी और लैब भी नहीं है.
इसके अलावे कॉलेज के पास समुचित जमीन भी नहीं है. कहीं कहीं तो महज पांच छह कमरों में ही आइटीआइ कॉलेज के कक्षा और कार्यालय का भी संचालन हो रहा है. निजी आइटीआइ कॉलेज की यह लुंज पुंज व्यवस्था छात्रों के साथ साथ अभिभावकों के लिए भी बहुत बड़ी समस्या बनी हुई है.
क्या है आइटीआइ कॉलेज के लिए सरकारी मानक
सरकारी मानक के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में आइटीआइ कॉलेज खोलने के लिए प्रबंधन के पास कम से कम दो एकड़ और शहरी क्षेत्र में कम से कम एक एकड़ जमीन होना चाहिए.
इसके अलावे कॉलेज का कैंपस चारो ओर से चहारदिवारी से घिरा हुआ और उसमें छह गेट अवश्य होना चाहिए. इसके अलावे किसी भी कॉलेज में कम से कम तीन ट्रेड की पढाई के लिए तीन तीन सौ सक्वायर का दो दो वर्ग कक्ष होना चाहिए. साथ ही 45 सौ सक्वायर फीट का सुसज्जित वर्कशॉप होना चाहिए. साथ ही प्रत्येक ट्रेड के लिए दो दो शिक्षक, कार्यालय कक्ष, स्टाफ रुम, कार्यालय कर्मी, कार्यालय कर्मी के बैठने के लिए कमरा, अनुदेशक कक्ष, पुस्तकालय, रात्रि प्रहरी भी होना चाहिए. इसके अलावे भंडार कक्ष, डिस्पेनशरी और प्रत्येक ट्रेड में दो यूनिट के हिसाब से कम से कम 42 छात्र नामांकित होनी चाहिए. साथ ही छात्रों की सुबिधा को देखते हुए आईटी लैब व सुरक्षा प्रहरी कक्ष का भी होना अनिवार्य है.