जय महावीर के उद्घोष से गूंजा कुंडघाट
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आस्था. जैन आचार्य ने किया भगवान महावीर की अवतरण भूमि का दर्शन
पहाड़ की तलहटी में स्थित च्यवन व दीक्षा कल्याणक मंदिर में श्री नयवर्धन सूरी जी महाराज ने की पूजा
सिकंदरा : जैन आचार्य श्री नयवर्धन सूरी जी महाराज शुक्रवार को प्रेम व करुणा के अवतार जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर श्रवण भगवान महावीर स्वामी की पुण्य पावन जन्म स्थली का दर्शन करने जन्मस्थान पहुंचे.
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जैनाचार्य की यात्रा लछुआर स्थित जैन मंदिर से निकल कर पहाड़ की तलहटी कुंडघाट में स्थित भगवान महावीर स्वामी के च्यवन कल्याणक व दीक्षा कल्याणक पहुंची. पहाड़ की तलहटी में स्थित च्यवन व दीक्षा कल्याणक मंदिर में पूजा अर्चना के उपरांत श्री नयवर्धन सूरी जी महाराज दुर्गम पहाड़ी जंगली रास्तों से गुजरते हुए जन्मस्थान पहुंचे. श्री नयवर्धन सूरी जी महाराज की जन्म स्थान तक पद यात्रा को लेकर सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई थी. जन्म स्थान पहुंचते हैं
जैन मुनि ने भगवान महावीर स्वामी के अवतरण भूमि की मिट्टी को नमन करते हुए उनकी पूजा अर्चना की. पूजा अर्चना के उपरांत जैन आचार्य ने अपने गुरु आचार्य श्री रामचंद्र सूरीश्वरजी महाराज के निर्देशन में बन रहे भव्य मंदिर का अवलोकन किया. इस दौरान मंदिर के निर्माण कार्य का जायजा लेते हुए आचार्य श्री ने मंदिर का प्रारूप रुप भी देखा.
आचार्य श्री की यात्रा को लेकर जैन श्रद्धालुओं में भी खासा उत्साह देखा गया. जैन आचार्य के साथ सैकड़ों की संख्या में जैन श्रद्धालु भगवान महावीर स्वामी के अवतरण भूमि जन्म स्थान पहुंचे. इस दौरान पूरा कुंड घाट जंगल त्रिशला नंदन वीर की जय बोलो महावीर की उद्घोष से गूंज उठा. जन्म स्थान पहुंचने के उपरांत जैन आचार्य श्री जयवर्धन सूरी जी महाराज ने जैन श्रद्धालुओं के साथ ही सैकड़ों की संख्या में मौजूद सुरक्षाबलों को भी सत्य, अहिंसा, प्रेम व करुणा का संदेश दिया.