सर्दी नहीं बढ़ने से रबी की फसल में नहीं आयेगी बाली

मौसम में नहीं आ रही नमी, अधिकतम तापमान अभी भी 28 के पार रबी फसलों को लेकर किसानों की बढ़ी चिंता जमुई : दिसंबर माह का तीसरा सप्ताह बीतने को है, लेकिन अधिकतम तापमान में कमी नहीं रही है. इन दिनों में प्रतिवर्ष जहां अधिकतम तापमान 15-20 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है वही इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 17, 2017 4:38 AM

मौसम में नहीं आ रही नमी, अधिकतम तापमान अभी भी 28 के पार

रबी फसलों को लेकर किसानों की बढ़ी चिंता
जमुई : दिसंबर माह का तीसरा सप्ताह बीतने को है, लेकिन अधिकतम तापमान में कमी नहीं रही है. इन दिनों में प्रतिवर्ष जहां अधिकतम तापमान 15-20 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है वही इस बार दिसंबर आधा बीतने के बाद भी अधिकतम तापमान 25-28 डिग्री सेल्सियस रहने से रबी फसलों की बढ़वार व फूटान पर असर पड़ रहा है. चार दिन पूर्व जहां अधिकतम तापमान 28 डिग्री था तो वहीं शनिवार को अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
इस प्रकार तापमान 28 डिग्री के आसपास बना रहने से किसान चिंतित है. किसान इस बात से भी फिक्रमंद है कि यदि बादल हुए, तो सरसों में कीट प्रकोप बढ़ेगा. मौसम चक्र में अनियमित परिवर्तन से किसानों की परेशानी बढ़ने वाली है. आगामी 7 दिन में तापमान में गिरावट नहीं आयी तो इसका असर फसल उत्पादन पर भी पड़ेगा. हालांकि पूरा सीजन निकलने के बाद ही नुकसान का आंकलन हो सकेगा.
अधिक सर्दी रबी के लिए उपयुक्त
रबी फसलों की बढ़वार व फूटान के लिए अधिक सर्दी अच्छी रहती है. बताते चलें कि रबी फसलों में दिसंबर के दूसरे सप्ताह के बाद अधिकतम तापमान 20 से 21 डिग्री ही अनुकूल रहता है. वर्तमान में 26 से 28 डिग्री तापमान है. यह फसलों के फूटान, बढ़वार को प्रभावित करेगा. बादल छाने पर सरसों में चेंपा प्रकोप भी बढ़ेगा. मौसम में परिवर्तन हो तो यह फसलों के लिए अच्छा रहेगा. मौसम चक्र बिगड़ने से तापमान संबंधी समस्या आने लगी हैं. इस लिए नहरी किसानों ने डैम से पानी छोड़ने की मांग की है. दिन के तापमान में कमी नहीं आने से फसलों में सिंचाई की आवश्यकता है. किसान नहर के पानी पर ही निर्भर हैं. डैम से पानी छोड़ने पर किसानों को राहत मिल सकेगी.
क्या करें किसान
कृषि वैज्ञानिकों की माने तो खेतों में सिंचाई करने के बाद बो आने पर ही यूरिया डालें. इसके बाद यूरिया का इस्तेमाल काफी कम मात्रा में करना चाहिए. गेहूं की फसल में प्रति बीघा में 20-22 किलो के आसपास ही यूरिया डालना चाहिए. फसलों को बचाये रखने के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को हल्की सिंचाई की सलाह दी है. कृषि वैज्ञानिकों ने यह भी बताया कि वर्तमान में तापमान में बढ़ोतरी से परेशानी है. गेहूं की फसल अभी 30-40 दिन की है. फसल 40 दिन की होने पर फूटान होता है. सर्दी कम पड़ने पर फूटान प्रभावित होता है.
कहते हैं किसान
इस वर्ष अभी तक सर्दी नहीं आयी है, ऐसे में रबी फसल को नुकसान पहुंचना तय है. सरकारी स्तर पर अभियान चलाकर किसानों को इससे बचाव के उपाय की जानकारी दी जानी चाहिए.
भूपेश कुमार सिंह, किसान
डैम से पानी छोड़ा जाना चाहिए, ताकि फसल की सिंचाई कर उनमें हल्की नमी प्रदान किया जा सके.
शंकर सिंह, किसान
कृषि विज्ञान विभाग के द्वारा रबी फसलों का जायजा लेकर एक निष्कर्ष निकाला जाना चाहिए, ताकि किसानों को लाभ मिल सके.
श्यामसुंदर सिंह, किसान
अगर सर्दी का मौसम जल्दी नहीं आया तो बड़े पैमाने पर फसलों में मारा होने की संभावना तेज हो जायेगी. ऐसे में गरीब किसानों के समक्ष भोजन की समस्या उत्पन्न हो जायेगी.
सत्यनारायण सिंह, किसान
प्रखंडवार कैंप लगाकर किसानों के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाने की आवश्यकता है. जिससे किसानों को फायदा पहुंचे.
भीम सिंह, किसान

Next Article

Exit mobile version