शीतलहर व कनकनी से दुबके लोग

बढ़ी मुश्किलें . आज तापमान पांच डिग्री सेल्सियस तक जाने की संभावना हवा का प्रकोप तेज होने से ठंड के प्रभाव में होगी वृद्धि फसलों को भी ठंड के तीव्र प्रभाव से हो सकता है नुकसान कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो फसलों और पशुओं को विशेष देखभाल की है जरूरत जमुई : विगत 4-5 दिनों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 3, 2018 3:59 AM

बढ़ी मुश्किलें . आज तापमान पांच डिग्री सेल्सियस तक जाने की संभावना

हवा का प्रकोप तेज होने से ठंड के प्रभाव में होगी वृद्धि
फसलों को भी ठंड के तीव्र प्रभाव से हो सकता है नुकसान
कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो फसलों और पशुओं को विशेष देखभाल की है जरूरत
जमुई : विगत 4-5 दिनों से ठंड का असर तेज होने से लोगों की परेशानी अचानक बढ़ गयी है. शीतलहरी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है, तो कनकनी ने लोगों की मुश्किलें बढ़़ा दी है. प्रतिदिन दोपहर बाद तक कोहरा छाया रहने के कारण सड़कों पर लोगों की काफी कम आवाजाही दिख रही है तो शीतलहर के कारण बच्चे बूढे सभी अपने अपने घरो में आग जला कर या रुम हीटर का इस्तेमाल करके अथवा रजाई या कंबल के नीचे दुबक कर ठंड से बचने का प्रयास करते नजर आ रहे हैं. मंगलवार को सड़कों पर वाहनों की कम आवाजाही देखी गयी. सरकारी कार्यालयों में कर्मियों और विद्यालयों में भी छात्र छात्राओं की उपस्थिति कम दिखी.
घने कोहरे के कारण लोगों को पैदल चलने में भी काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. घना कोहरा छाये रहने के कारण पूरा शहर और आसपास का क्षेत्र ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पूरा क्षेत्र दुधिया चादर में लिपटा हुआ हो. अपने आवश्यक काम से बाहर निकलने वाले लोग भी सिर से लेकर पैर तक गर्म कपड़ों में ढंके नजर आये. वहीं वाहन चालक घने कोहरे के कारण सुबह में भी लाईट जलाकर चलते दिखे. वहीं कई लोग ठंड से बचने के लिए अलाव तापते नजर आये.
कैसे करें अपना बचाव
चिकित्सकों की मानें तो ठंड के बढ़ते प्रकोप से सबसे अधिक बच्चों और बूढ़ों को बच कर रहने की जरूरत है. सभी लोग अपने सिर से लेकर पैर तक गर्म कपड़ों से ढक कर रखे. बच्चों और बूढ़ों को सुबह और शाम में घर से बाहर नहीं निकलने दें. मधुमेह, रक्तचाप, ह्दय के रोग से पीडित व्यक्ति सुबह और शाम में घर से बाहर न निकलें. अपने स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए नियमित रूप से दवा लें तथा गर्म भोजन करें. नवजात शिशुओं का रात में विस्तर गीला होने पर बदलते रहें. गर्म पानी पियें और अधिक तेल मशाला वाले भोजन से परहेज करें. रात में सोते समय किसी भी कीमत पर कमरे में अंगीठी या रुम हीटर जला कर ना छोड़े. बरना घुटन होने से सांस फूलने जैसी परेशानी हो सकती है. ठंड के वजह से जुकाम, खांसी, निमोनिया आदि हो सकता है. इसलिए अधिक से अधिक गर्म कपड़ों का प्रयोग करें. सुबह या शाम में घर से बाहर निकलने पर पूरे बदन को ढंक कर रखें.
क्या करें किसान
इस बाबत कृषि वैज्ञानिक डा प्रमोद कुमार बताते हैं कि तीन जनवरी तक न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस तक जाने की संभावना है. तापमान में उतार चढ़ाव जारी रहेगा और सुबह 11 बजे तक कोहरा छाया रहेगा. अगर दोपहर के बाद हवा चलनी बंद हो जायेगी व आसमान साफ रहेगा तो ठंड का असर तेज हो जायेगा. यदि शीतलहर हवा के रुप में चलती रहेगी तो कोई नुकसान नहीं होगा. ओस की बूंद पत्तियों पर चिपक जाती है तो पौधे की नशे फट जाती और पत्तियां झुलस जाती है. पाला से प्रभावित होने वाले फसल को बचाने के लिए मैंकोजेव 75 प्रतिशत डब्लूपी दो ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करें. आलू में झुलसा रोग से बचाने के लिए रेडकोमिल 50 प्रतिशत डब्लुपी एक ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करें. सरसों में यदी हरा या काला रंग का लाही लग गया हो तो उस पर भी कृषि वैज्ञानिक के सलाह से दवा का छिड़काव करें.
क्या करें पशुपालक
इस बाबत ठंड से अपने पशुओं को बचाव करने के बाबत पूछे जाने पर पशु वैज्ञानिक डा प्रतीक ने बताया कि सुबह और शाम में किसी भी कीमत पर अपने पशुओं को गुहाल से बाहर ना निकाले. उन्हें गर्म पानी पीने के लिए दें और उनके पाचन क्रिया को ठीक रखने के लिए सुबह शाम चारा के साथ नमक भी दें. साथ ही पशुओं को ठंड से वचाव के लिए गुड़ भी दें. उनके पूरे बदन को जुट के बोरा की झुल से ढंक कर रखें. सुबह शाम गुहाल में धुंआ अवश्य करें. पशुओं को गर्मी प्रदान करने के लिए गुहाल में पुआल बिछा दें और पशुओं को पौष्टिक आहार भी चारा के साथ जरूर दें.
तेजी से गिर रहा है तापमान
दिनांक न्यूनतम अधिकतम
31 दिसंबर 8 डिग्री 23 डिग्री
01 जनवरी 8 डिग्री 22 डिग्री
02 जनवरी 9 डिग्री 23 डिग्री
03 जनवरी 5 डिग्री 23 डिग्री
04 जनवरी 6 डिग्री 23 डिग्री
05 जनवरी 7 डिग्री 23 डिग्री

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