बिहार : बेटी की शादी के समय उधार दिये दो बोरी अनाज के एवज में नौ डिसमिल जमीन पर किया कब्जा, 4.80 लाख मांगा
सिकंदरा (जमुई) : प्रखंड क्षेत्र के मथुरापुर गांव निवासी रामधनी दास ने 25 साल पूर्व बेटी की शादी के समय उधार लिये दो बोरी अनाज के एवज में महाजन के द्वारा नौ डिसमिल जमीन पर भी कब्जा जमा लेने को लेकर समाहरणालय पहुंच कर अधिकारियों से न्याय की गुहार लगायी है. रामधनी दास ने बताया […]
सिकंदरा (जमुई) : प्रखंड क्षेत्र के मथुरापुर गांव निवासी रामधनी दास ने 25 साल पूर्व बेटी की शादी के समय उधार लिये दो बोरी अनाज के एवज में महाजन के द्वारा नौ डिसमिल जमीन पर भी कब्जा जमा लेने को लेकर समाहरणालय पहुंच कर अधिकारियों से न्याय की गुहार लगायी है.
रामधनी दास ने बताया कि 25 साल पूर्व अपनी बेटी की शादी के समय गांव के ही चंद्रिका दास से एक मन चावल व एक मन गेहूं उधार लिया था. आर्थिक स्थित खराब रहने व पत्नी की मौत के बाद छोटे-छोटे बच्चों को पालने में हो रही परेशानी के कारण उधार लिये अनाज को वापस नहीं लौटा पाया. जिसके बाद सूद पर सूद जोड़ते हुए चंद्रिका दास ने उसकी नौ डिसमिल जमीन पर कब्जा कर लिया. जिसमें तीन डिसमिल जमीन पर घर भी बना चुका है और छह डिसमिल जमीन को कब्जे में लेकर खेती करता है. उन्होंने बताया कि इस मामले के निष्पादन के लिये पंचायत भी बैठायी गयी.
पंचायत ने भी 25 हजार रुपया लेकर जमीन चंद्रिका दास के पुत्र के नाम लिख देने का फैसला सुनाया. जबकि दूसरी ओर इस मामले में चंद्रिका दास के पुत्र मुनीलाल दास की पत्नी कांति देवी ने इस आरोप को नकारते हुए बताया कि उसके ससुर ने रामधनी दास को बेटी की शादी के समय घर का सोना बेच रुपया उधार दिया था.
उसके एवज में रामधनी दास ने स्वेच्छा पूर्वक जमीन दी थी. जिस पर उसी समय मिट्टी का घर भी बनाया गया था. जब तक मेरे ससुर जीवित रहे तब तक रामधनी दास ने कोई आपत्ति नहीं जतायी और न ही पिछले 25 वर्षों में कहीं कोई आवेदन दिया गया.