गांव-गांव ढोल बजा बेटे के इलाज के पैसे के लिए भीख मांग रहा महादलित पिता, पढ़ें… क्या है मामला

जमुई (चकाई, प्रतिनिधि) : एक अभागा पिता अपने बेटे के इलाज के पैसे के लिए गांव-गांव ढोल बजा कर भीख मांग रहा है. पैसे नहीं रहने के कारण स्वस्थ हो चुका पुत्र व उसकी देख-रेख में लगी उसकी पत्नी पटना के एक प्राइवेट अस्पताल में फंसे हैं. लाचार महादलित सुनील तूरी नंगे पांव गांव-गांव ढोल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 28, 2018 9:37 PM

जमुई (चकाई, प्रतिनिधि) : एक अभागा पिता अपने बेटे के इलाज के पैसे के लिए गांव-गांव ढोल बजा कर भीख मांग रहा है. पैसे नहीं रहने के कारण स्वस्थ हो चुका पुत्र व उसकी देख-रेख में लगी उसकी पत्नी पटना के एक प्राइवेट अस्पताल में फंसे हैं. लाचार महादलित सुनील तूरी नंगे पांव गांव-गांव ढोल बजाकर अपना दर्द लोगों को बता रहा है.

बिहारके जमुई में चकाई प्रखंड के कोहबाराटांड़ गांव निवासी सुनील तूरी ने बताया कि आठ अप्रैल को उसके 18 वर्षीय पुत्र रमेश तूरी को अज्ञात लोगों के द्वारा मारपीट कर गंभीर रूप से घायल कर बेहोशी की हालत में मेहशा पत्थर गांव के पास फेंक दिया गया. जब वह स्थानीय ग्रामीणों द्वारा सुनील तूरी को घटना की जानकारी मिली तो उसने घटना की जानकारी चकाई थाने को दी तथा थाना के निर्देश पर उसे इलाज के लिए चकाई रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहीं उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे डॉक्टर ने जमुई सदर अस्पताल रेफर कर दिया.

जमुई सदर अस्पताल से उसे पटना रेफर कर दिया गया. नौ अप्रैल को रमेश तूरी को इलाज के लिए पटना स्थित श्री गंगाराम ट्रामा हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड में भर्ती कराया गया. सुनील तूरी ने बताया है कि मेरा बेटा अब इलाज के बाद स्वस्थ है. मैंने किसी तरह कर्ज लेकर वहां के चिकित्सक को 15 हजार रुपये दिया. मगर, डॉक्टर का कहना है कि जब तक बाकी फीस व दवा का 21 हजार रुपये जमा नहीं कर देते तब तक तुम्हारा बेटा व तुम्हारी पत्नी गुड़िया देवी अस्पताल में रहेगी. सुनील तूरी ने जिलाधिकारी जमुई कौशल किशोर से भी श्री गंगा राम हॉस्पिटल में डॉक्टर के चंगुल से पत्नी व बीमार बेटे को मुक्त कराने की गुहार लगायी है.

इधर, पटना स्थित श्री गंगाराम ट्रामा हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड से संपर्क करने पर डॉ अनिल ने बताया कि सुनील तुरी के बेटे की स्थिति ठीक है. उसका इलाज बेहतर तरीके से किया जा रहा है. उसने 15 हजार रुपये दिये हैं. दवा के 20-22 हजार रुपये बांकी हैं.

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