आरटीपीएस केंद्र पर बिचौलिये का कब्जा, कतार में खड़े रह जाते हैं लोग
बाराहाट : प्रखंड क्षेत्र के लोगों को आरटीपीएस केंद्र पर प्रमाण पत्र बनाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. केंद्र पर सुबह से लेकर शाम तक दलाल अपना कब्जा जमाये रहते हैं. यहां तक कि आरटीपीएस केंद्र के बाहर लाइन में खड़े आवेदनकर्ताओं से भी बिचौलिया मोटी रकम एठने की फिराक में रहते हैं. इन […]
बाराहाट : प्रखंड क्षेत्र के लोगों को आरटीपीएस केंद्र पर प्रमाण पत्र बनाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. केंद्र पर सुबह से लेकर शाम तक दलाल अपना कब्जा जमाये रहते हैं. यहां तक कि आरटीपीएस केंद्र के बाहर लाइन में खड़े आवेदनकर्ताओं से भी बिचौलिया मोटी रकम एठने की फिराक में रहते हैं. इन बिचौलियों की पहुंच इतनी ऊंची है कि यह सीधे आरटीपीएस केंद्र पर बैठने वाले ऑपरेटर के संपर्क में रहते हैं और बिना किसी लाइन के सीधे केंद्र के भीतर से अपना काम करवा लेते हैं.
ऐसे लोगों का आये दिन केंद्र पर मजमा लगा रहता है और एक-एक प्रमाण पत्र बनाने के नाम पर 300 से 900 रुपये तक वसूले जाते हैं. दलाल पहले कम पढ़े लिखे लोगों को बहला-फुसलाकर उनसे रकम वसूलते हैं उसके बाद सीधे ऑपरेटर से संपर्क कर इस दौरान केंद्र के बाहर लाइन में खड़े लोग अपनी बारी का इंतजार करते रह जाते हैं. उन्हें ऑपरेटर के द्वारा कभी सर्वर में खराबी कभी आवेदन में त्रुटि का बहाना बनाकर लौटा दिया जाता है. प्रत्येक दिन ऐसा देखा जाता है कि आरटीपीएस केंद्र के अंदर बिचौलियों का मजमा लगा हुआ रहता है और बाहर लोग अपनी बारी का इंतजार करते रहते हैं. जबकि ऑपरेटर की मिलीभगत से बिचौलिए अपना काम काफी चतुराई से करवा लेते हैं. इस काम में अंचल में तैनात कई चौकीदार की भूमिका भी संदेह के घेरे में बनी रहती है. अंचल में तैनात कई चौकीदार एक साथ 10 से 20 आवेदन संग्रह कर सीधे ऑपरेटर से संपर्क कर काम करवाने की जुगत में लगे रहते हैं. इसके लिए केंद्र पर तैनात सभी कर्मियों को बंदी बनाई मोटी रकम दी जाती है.
कहते हैं बीडीओ: इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल ने बताया कि उनके संज्ञान में इस तरह का मामला नहीं आया है. वह आरटीपीएस केंद्र की जांच पड़ताल करेंगे अगर इस तरह का कोई भी मामला सामने आता है तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी.