पारिवारिक विवाद में युवक ने की आत्महत्या, मातम

झाझा : थाना क्षेत्र के बरवाडीह गांव में पारिवारिक विवाद में युवक ने शनिवार की देर शाम फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. युवक की पहचान गांव निवासी दुर्गा मंडल के पुत्र सदानंद मंडल के रूप में की गयी है. जिसके बाद परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी तथा पुलिस ने शव को कब्जे में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 25, 2019 7:11 AM

झाझा : थाना क्षेत्र के बरवाडीह गांव में पारिवारिक विवाद में युवक ने शनिवार की देर शाम फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. युवक की पहचान गांव निवासी दुर्गा मंडल के पुत्र सदानंद मंडल के रूप में की गयी है. जिसके बाद परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी तथा पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर अंत्यपरीक्षण के लिए जमुई भेज दिया.

परिजनों ने बताया कि मृतक सदानंद मंडल बेंगलुरू में रहकर मजदूरी करता था. जबकि उसकी पत्नी गांव में ही रहती थी. होली पर्व को लेकर होली के कुछ दिन पूर्व सदानंद घर आया था. बीते शनिवार को दिन भर पति एवं पत्नी के बीच विवाद को लेकर झगड़ा होते रहा.
इसी बीच लगभग 9:00 बजे रात्रि को पत्नी को एक कमरे में बंद कर खुद दूसरे कमरे में अपने गमछे के सहारे छत के कुंडी से लटक कर आत्महत्या कर ली. घटना के बाबत सदानंद मंडल का पिता दुर्गा मंडल ने बताया कि पति-पत्नी में अक्सर विवाद होते रहता था. वह झगड़ालू प्रवृत्ति का था. इस कारण सबसे उसकी लड़ाई-झगड़ा होते रहती थी. उसके पिता ने बताया कि हम पति-पत्नी बिल्कुल अलग रहते हैं.
मेरा बड़ा बेटा संजय मंडल भी अपने परिवारों के साथ अलग रहता है. सदानंद पत्नी के साथ अलग घर में रहता है. घटना के बारे में दुर्गा मंडल ने बताया कि 10:00 बजे के आसपास मृतक सदानंद मंडल की पत्नी सुमंता देवी खिड़की के सहारे जोर-जोर से चिल्लाने लगी. जब हल्ला सुनकर हम लोग आये तो देखा कि घर चारों तरफ से बंद है.
तभी पुलिस को सूचना दी गयी. सूचना मिलते ही थाना के एसआई राकेश कुमार, एएसआई विजय कुमार दल-बल के साथ पहुंचकर घर में प्रवेश करना चाहा. लेकिन अंदर से घर बंद होने के कारण बाहर से सीढ़ी लगाकर छत पर पुलिस चढ़ी. छत के सहारे घर के अंदर प्रवेश किया, तो अंदर एक औरत चिल्ला रही थी.
जो एक घर में अंदर से बंद थी. जिसे खोलकर बाहर निकाला गया. फिर मृतक सदानंद मंडल को खोजा जाने लगा. तभी पुलिस ने देखा कि दूसरे कमरे में वह गमछा के सहारे फांसी पर लटका हुआ है. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर अंतपरीक्षण के लिए जमुई भेज दिया. पुलिस निरीक्षक सह थानाध्यक्ष दलजीत झा ने बताया कि छानबीन की जा रही है.
झाझा : थाना क्षेत्र के बरवाडीह गांव में पारिवारिक विवाद में युवक ने शनिवार की देर शाम फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. युवक की पहचान गांव निवासी दुर्गा मंडल के पुत्र सदानंद मंडल के रूप में की गयी है. जिसके बाद परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी तथा पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर अंत्यपरीक्षण के लिए जमुई भेज दिया.
परिजनों ने बताया कि मृतक सदानंद मंडल बेंगलुरू में रहकर मजदूरी करता था. जबकि उसकी पत्नी गांव में ही रहती थी. होली पर्व को लेकर होली के कुछ दिन पूर्व सदानंद घर आया था. बीते शनिवार को दिन भर पति एवं पत्नी के बीच विवाद को लेकर झगड़ा होते रहा.
इसी बीच लगभग 9:00 बजे रात्रि को पत्नी को एक कमरे में बंद कर खुद दूसरे कमरे में अपने गमछे के सहारे छत के कुंडी से लटक कर आत्महत्या कर ली. घटना के बाबत सदानंद मंडल का पिता दुर्गा मंडल ने बताया कि पति-पत्नी में अक्सर विवाद होते रहता था. वह झगड़ालू प्रवृत्ति का था. इस कारण सबसे उसकी लड़ाई-झगड़ा होते रहती थी.
उसके पिता ने बताया कि हम पति-पत्नी बिल्कुल अलग रहते हैं. मेरा बड़ा बेटा संजय मंडल भी अपने परिवारों के साथ अलग रहता है. सदानंद पत्नी के साथ अलग घर में रहता है. घटना के बारे में दुर्गा मंडल ने बताया कि 10:00 बजे के आसपास मृतक सदानंद मंडल की पत्नी सुमंता देवी खिड़की के सहारे जोर-जोर से चिल्लाने लगी. जब हल्ला सुनकर हम लोग आये तो देखा कि घर चारों तरफ से बंद है.
तभी पुलिस को सूचना दी गयी. सूचना मिलते ही थाना के एसआई राकेश कुमार, एएसआई विजय कुमार दल-बल के साथ पहुंचकर घर में प्रवेश करना चाहा. लेकिन अंदर से घर बंद होने के कारण बाहर से सीढ़ी लगाकर छत पर पुलिस चढ़ी. छत के सहारे घर के अंदर प्रवेश किया, तो अंदर एक औरत चिल्ला रही थी. जो एक घर में अंदर से बंद थी.
जिसे खोलकर बाहर निकाला गया. फिर मृतक सदानंद मंडल को खोजा जाने लगा. तभी पुलिस ने देखा कि दूसरे कमरे में वह गमछा के सहारे फांसी पर लटका हुआ है. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर अंतपरीक्षण के लिए जमुई भेज दिया. पुलिस निरीक्षक सह थानाध्यक्ष दलजीत झा ने बताया कि छानबीन की जा रही है.
परिजनों का रो-रोकर हुआ बुरा हाल
झाझा. सदानंद मंडल की मौत पर उनकी पत्नी व अन्य परिजन का रो-रो कर बुरा हाल था. मृतक की पत्नी सुमंत्रा देवी रो-रो कर अपने किस्मत को कोसते हुए कह रही थी. हे भगवान मैंने किसका क्या बिगाड़ा था. अब हम किसके सहारे जीवन यापन करेंगे. आखिर अब हमें कौन देखेगा. जबकि मृतक के पिता का भी बुरा हाल था. उसने कहा कि मेरे आखों के सामने की दो-दो पुत्र की अर्थी उठ गई. इस बुढ़ापे में हे भगवान क्या दिखा रहे हैं. कारुणिक क्रंदन से गांव का पूरा माहौल गमगीन था.

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